तमिलनाडु के मिनिस्टर सेंथिल बालाजी के बाद ईडी ने स्टालिन के एक और मंत्री पर शिकंजा कस दिया है। तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को 11 साल पुराने केस में हिरासत में लिया है। एजेंसी का कहना है कि मनी लांड्रिंग के मामले में पोनमुडी को गिरफ्तार किया गया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ईडी के कदम की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र के इशारे पर एजेंसी उनके मंत्रियों को निशाना बना रही है।

एजेंसी ने पहले उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के साथ उनके बेटे को अवैध रेत खनन से जुड़े मामले में मंगलवार शाम तलब किया था। दोनों पूछताछ के लिए सोमवार को भी ईडी के समक्ष पेश हुए थे। मंगलवार को भी ईडी के अफसरों ने पोनमुडी और उनके सांसद बेटे गौतम सिगामणि से पूछताछ की। इस दौरान एजेंसी ने 14 घंटे तक सर्च अभियान भी चलाया। ईडी की कई टीमों के साथ सीआरपीएफ के जवान भी तलाशी में शामिल थे। उन्होंने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए। उसके बाद मंत्री को हिरासत में ले लिया गया।

उधर DMK ने मंत्री को हिरासत में लेने पर हैरत जताई। पार्टी का कहना है कि मंत्री ने एजेंसी के साथ सहयोग किया था। इससे पहले केवल एक बयान लेने के लिए 72 वर्षीय मंत्री से रातभर पूछताछ की गई थी। खास बात है कि सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और पोनमुडी के विल्लुपुरम में मंत्री और उनके बेटे से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई थी। पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था।

DMK बोली- राज्यपाल से उलझने की सजा मिली पोनमुडी को

DMK का सवाल है कि किसी मामले के दर्ज होने के 11 साल बाद उसकी जांच करने का क्या औचित्य है। यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध है, क्योंकि पोनमुडी ने नई शिक्षा नीति, कुलपतियों की नियुक्ति और अन्य कुछ मुद्दों पर राज्यपाल आरएन रवि को निशाने पर लिया था। पोनमुडी विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। जबकि उनके 49 वर्षीय सांसद बेटे सिगमणि कल्लाकुरिची लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।