किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि दूध के मामले में भी देश की हालत ठीक नहीं है। ऐसा ही रहा तो यहां भी तुर्की जैसे हालात हो जाएंगे और दूध भी बाहर से मंगाना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में दिए भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकैत ने कहा कि देश मे पानी से सस्ता दूध बिकता है। उसका भी रेट तय होना चाहिए।
टिकैत ने कहा कि कहा कि सरकार मसले को सुलझाने के बजाय उसे लगातार उलझा रही है। उन्होंने कहा कि हमने कब कहा कि MSP खत्म हो जाएगा। हमारी मांग है कि MSP को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाया जाए। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि जैसे वे लोगों से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने की अपील करते हैं, वैसी ही अपील एक बार सांसद-विधायकों से पेंशन छोड़ने की भी कर दें। उनका कहना था कि देश में करोड़ों नौजवान ऐसे हैं, जो बेरोजगार हैं। ये पेंशन उनको मिलनी चाहिए।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार नही होगा। अनाज की कीमत भूख पर तय नही होगी। उनका कहना था कि जैसे फ्लाइट के टिकट दिन में चार बार ऊपर नीचे होते हैं, वैसे अनाज के दाम हम ऊपर नीचे नहीं होने देंगे। किसान आंदोलन को जाट आंदोलन बताए जाने पर टिकैत ने कहा कि ये मसला पहले पंजाब का और हरियाणा का था। फिर जाटों का बना। अब यह आंदोलन छोटे बड़े किसानों का हो गया है। सभी किसान एक हैं, इसमें छोटा बड़ा क्या है।
इससे पहले राज्य सभा में मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आज विपक्ष कृषि रिफॉर्म्स पर यू टर्न क्यों ले रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि कुछ लोग नए कृषि कानूनों पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने किसानों की बड़ी मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘MSP को कोई खत्म नहीं कर सकता। ये था, ये है और ये रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा, किसानों और सरकार के बीच बातचीत के रास्ते कतई बंद नहीं हुए हैं। कृषि मंत्री लगातार किसानों के संपर्क में हैं। उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा, नए कृषि कानून देश में बड़ा परिवर्तन लाने वाले साबित होंगे। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने का मतलब यह कतई नहीं है कि बाद में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। भविष्य में भी कहीं कोई कमी नजर आए तो उसे सुधारा जाएगा। उन्होंने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की।