फर्जी सर्टिफिकेट और धांधली के मामले में बर्खास्त की गई पूजा खेडकर के बाद अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) हरकत में आ गया है। डीओपीटी ने 6 और अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है। जानकारी के मुताबिक जिन अधिकारियों की जांच शुरू की गई है उनका नाम और उनके प्रमाण पत्र पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि अगर जांच में इन अधिकारियों की मेडिकल रिपोर्ट में कोई खामी मिलती है तो इनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जा सकता है।

माता-पिता का बदला था नाम

पूजा ने दस्तावेजों में अपने माता-पिता का नाम बदल लिया था। इस मामले में जांच समिति को कई सबूत मिले थे। इसके आधार पर ही पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। यूपीएससी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजों की शुरुआती जांच से ये साफ हो चुका है कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन यानी सीएसई-2022 के नियमों का उल्लंघन किया। यूपीएससी ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को इस सिलसिले में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि आखिर उन्होंने कैसे फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदल कर लिमिट से ज्यादा बार यूपीएससी की परीक्षाओं में हिस्सा लिया?

पटियाला हाउस कोर्ट से भी लगा झटका

पूजा खेडकर की बर्खास्तगी के बाद उन्हें पटिलाया हाउस कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस को भी आदेश जारी कर दिया। पूजा खेडकर की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि उसने कोई भी जानकारी कोर्ट से नहीं छिपाई है लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को मानने से इनकार कर दिया। बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ऑडी कार में नीली-लाल बत्ती लगाने और वीआईपी नंबर प्लेट मांगने पर चर्चा में आई थीं। इस दौरान उन्होंने अपने लिए अलग दफ्तर की भी मांग की थी।