दिवाली के मौके पर आम आदमी को पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आंशिक राहत मिली है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए की कमी की। इसके साथ ही कई राज्य सरकारों ने भी दोनों ईंधन पर लगने वाले वैट में और कमी करने का फैसला किया। केंद्र सरकार के फैसले के बाद वैट घटाने वाले राज्यों में से करीब 9 राज्यों में भाजपा या एनडीए गठबंधन की सरकार है। जिसमें से पांच राज्यों में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं।
महंगाई के मुद्दे पर जनता के गुस्से का सामना कर रही भाजपा को अब थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बुधवार को केंद्र सरकार के द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले वैट को घटाने के बाद उत्तरप्रदेश गुजरात, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, असम, मणिपुर, त्रिपुरा और बिहार की सरकारों ने भी दोनों ईंधन पर लगने वाले वैट में कटौती की। इनमें से यूपी, गोवा, उत्तराखंड, गुजरात और मणिपुर में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं। वैट में कमी होने के बाद चालू वित्तीय वर्ष में होने वाले कर संग्रह में करीब 60,000-65,000 करोड़ की कमी हो सकती है।

बता दें कि गुजरात, कर्नाटक, गोवा, मणिपुर, त्रिपुरा ने दोनों ईंधन पर लगने वाले वैट में सबसे ज्यादा कटौती की है। इन राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर करीब 7-7 रुपए घटाए हैं। दोनों ईंधनों पर 7-7 रुपए की कमी होने के बाद इन राज्यों में पेट्रोल 12 रुपए और डीजल 17 रुपए सस्ता मिलेगा। इसके अलावा उत्तरप्रदेश में पेट्रोल पर लगने वाले वैट में करीब 7 रुपए और डीजल पर 2 रुपए की कमी की गई है। वैट में कमी होने के बाद उत्तरप्रदेश में ये दोनों ईंधन करीब 12 रुपए सस्ते मिलेंगे।
इसके अलावा उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी पेट्रोल पर 2 रुपए की कमी की है। इससे राज्य में लोगों को पेट्रोल 7 रुपए सस्ता मिलेगा। वहीं बिहार सरकार ने भी पेट्रोल पर 1.30 रुपए और डीजल पर 1.90 रुपए कमी करने की घोषणा की है। राज्य सरकार की घोषणा के बाद लोगों को अब पेट्रोल 6.30 रुपए और डीजल 11.90 रुपए सस्ता मिलेगा। हालांकि हिमाचल की भाजपा सरकार ने भी पेट्रोल -डीजल पर वैट में कमी करने की घोषणा की है। लेकिन कीमतों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस संबंध में सरकार जल्दी ही नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
पेट्रोल डीजल के दाम घटने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, दिग्विजय बोले- कल से फिर बढ़ेंगे
बुधवार को केंद्र सरकार के द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कमी करने के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि दिवाली पर पेट्रोल-डीजल के लगभग ₹35 प्रति लीटर केंद्रीय एक्साइज टैक्स बढ़ा कर ₹5 प्रति लीटर कम करने के लिए मोदी जी धन्यवाद। कल से फिर बढ़ाते रहना। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि त्योहारों के खत्म होने व उपचुनावों के नतीजे देख कर ही सही अहंकारी सरकार को तेल की कीमतों को कम करना ही पड़ा। फिर भी पेट्रोल 17 अक्टूबर और डीजल 25 सितंबर के स्तर पर ही है। यदि जनता को सौग़ात ही देनी है तो एक्साइज 2014 के लेवल पर लाकर पेट्रोल में ₹24 और डीजल में ₹28 प्रति लीटर की कमी करे।
एक्साइज ड्यूटी से सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में वसूले 1.71 लाख करोड़
सरकार ने आखिरी बार अक्टूबर 2018 में ईंधन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती की थी जब कच्चे तेल की कीमत 84 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 84 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 75.5 रुपये प्रति लीटर हो गई थी। सरकार उत्पाद शुल्क से इस साल अप्रैल- सितंबर के बीच 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूल चुकी है। जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 1.28 लाख करोड़ रुपए वसूले गए थे। 2019 की तुलना में 2021 में ईंधन से आने वाला कर संग्रह करीब 79% ज्यादा था।