सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को एससी एओआर ए इंटरनेशनल कानूनी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एओआर वह तेल है जो सुप्रीम कोर्ट की मशीन को सही तरह से चलाने में मदद करता है। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि बार और बेंच एक दूसरे के पूरक हैं। हम एक स्वतंत्र और मजबूत न्यायपालिका की बेहतरी के लिए काम करने के लिए यहां पर हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब से मैं भारत का चीफ जस्टिस बना हूं, मैंने सुप्रीम कोर्ट को लोगों की अदालत बनाने की कोशिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने नई तकनीक का इस्तेमाल करके और अलग-अलग प्रक्रियाओं को आसान बनाकर पुराने रास्तों को साफ करने की कोशिश की है। इसमें ई-फाइलिंग और कोर्ट का पास लेना जैसे रोजाना के काम शामिल हैं।

इकोसिस्टम के बिना नहीं हो सकता संस्था का विकास

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे इस बात का हमेशा से पता है कि चाहे कितने भी सही फैसले क्यों ना लिए जाएं, संस्था का विकास ऐसे इकोसिस्टम पर निर्भर करता है जो व्यक्तिगत खिलाड़ियों से ज्यादा समय तक चलती है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एओआर का पहला काम यह तय करना है कि उनके काम से कोर्ट को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यह तय भी आपकी जिम्मेदारी है कि मामला ठीक से तैयार किया जाए, अच्छी तरह से समझाया जाए और बिना किसी दोष के दायर किया जाए।

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मुवक्किल और कोर्ट के बीच की खाई पाटने का काम एओआर की- सीजेआई

इतना ही नहीं सीजेआई ने कहा कि यह तय करना भी आपकी जिम्मेदारी है कि आप मुवक्किल और कोर्ट के बीच की दूरी को खत्म करने की कोशिश करें। यह इसलिए ताकि उनमें से हर एक को दूसरे के कामों के बारे में बताया जा सके। सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में ज्यादातर वादियों के पास अपने मामलों के बारे में समय पर अपडेट के लिए अपने एओआर के अलावा कोई नहीं होता है।

कोर्ट पास लेने और कोर्ट में नेविगेट करने जैसे कई तरीके ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में काफी कदम उठाए हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि साल 2022 में उन्होंने रहने, खाने और बाकी खर्चों की गिनती करने का काम किया था। यह एक जूनियर वकील दिल्ली में काम करता है।