नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि 10 वर्ष पहले मुंबई पर आतंकी हमले के बाद अब भारत बेहतर तरीके से तैयार और बेहतर रूप से समन्वित है। इसके लिए बहुस्तरीय समुद्री निगरानी सहित विभिन्न सुरक्षा उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा को लेकर हमारी पुख्ता तैयारी है। एडमिरल लांबा ने मुंबई हमले की 10वीं बरसी की पूर्वसंध्या पर साउथ ब्लाक स्थित अपने कार्यालय में कहा कि तटीय सुरक्षा के मामले में प्रतिमान बदलाव हुए हैं, जोखिम वाले स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। समुद्री तट लगभग अभेद्य बन गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अब शक्तिशाली बहु-आयामी बल है, जो समुद्र में भारत के हितों की रक्षा कर रही है। भारत समुद्री क्षेत्र में देश के सामने उत्पन्न होने वाले किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादी कराची से समुद्र के रास्ते नाव से मुम्बई में प्रवेश किया था। इन आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनस, ताजमहल होटल, ट्राइडेंट होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया।
ये सभी देश की वित्तीय राजधानी मुंबई के प्रमुख स्थल हैं। करीब 60 घंटे चले इस हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें 28 विदेशी नागरिक शामिल थे। इस हमले से पूरे देश को झकझोर दिया था और भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर आ गए थे। इस हमले का संदर्भ देते हुए एडमिरल लांबा ने कहा कि देश के तटीय आधाभूत ढांचे में कमियों और जोखिमों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत निगरानी तंत्र लागू किया गया है, जिसमें 42 राडार स्टेशन हैं, जिन्हें गुरूग्राम मुख्यालय वाले एक नियंत्रण केंद्र से जोड़ा गया है। एडमिरल लांबा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तटीय रक्षा तंत्र में आमूल चूल परिवर्तन किया गया है। रडार स्टेशनों में उच्च रिजॉल्युशन वाले कैमरे लगाये गए हैं जिनकी पहुंच 10 समुद्री मील है। भारत के 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा की निगरानी के लिए 38 और राडार स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि मछली पकड़ने वाली हजारों नौकाओं पर हर समय नजर रखना एक प्रमुख चुनौती है, लेकिन उनकी निगरानी के लिए अब एक तंत्र शुरू किया गया है। उन्होंने वर्तमान सुरक्षा तंत्र को और कसने के लिए गुप्तचर सूचना एकत्रीकरण में सुधार पर बल दिया। उन्होंने तटीय सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कुछ कदमों के तौर पर मछली पकड़ने वाली नौकाओं की ‘कलर कोडिंग’, उनके आनलाइन पंजीकरण और मछुआरों को बायोमेट्रिक कार्ड जारी करने को सूचीबद्ध किया। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत के तट के पास संचालित होने वाले जहाजों, मशीन चालित ट्रॉलर, मछली पकड़ने वाली नौकाओं और अन्य नौकाओं के बारे में डेटा का पूरे समय विश्लेषण किया जाता है।