Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में उद्योग संबंधी उप-समिति ने इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर और अडानी समूह द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किए जाने वाले 10 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर प्लांट के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है लेकिन केंद्र सरकार की 76,000 करोड़ रुपये की चिप प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी के लिए टावर और अडानी ग्रुप द्वारा केंद्र को आवेदन किया है और इस आवेदन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक इस स्तर पर केंद्र सरकार की तकनीकी समिति ने प्लांट को मंजूरी नहीं दी है और केंद्र की योजना के तहत सब्सिडी के लिए प्लांट को मंजूरी मिले बिना काम शुरू होना असंभव है। यह दूसरा उदाहरण है, जब केंद्र द्वारा मंजूरी दिए जाने से पहले राज्य स्तर पर सेमीकंडक्टर इकाई की घोषणा की गई है।

फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच

सितंबर 2022 में, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव गांधीनगर में चिप निर्माण सुविधा के लिए वेदांता- फॉक्सकॉन और राज्य सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने में शामिल हुए थे। हालांकि, 2023 में, 19.5 बिलियन डॉलर के प्लांट को स्थापित करने के लिए दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी अचानक रुक गई क्योंकि फॉक्सकॉन ने घोषणा की कि वह इससे बाहर निकल रही है।

‘2014 में पीएम मोदी के आने के बाद…’ विवादों के बीच प्रधानमंत्री के लिए गौतम अडानी ने कही बड़ी बात

84,947 करोड़ रुपये का होगा निवेश

वेदांता-फॉक्सकॉन और टावर-अडानी योजनाओं के बीच एक मुख्य अंतर यह है कि पूर्व में चिप्स बनाने के लिए कोई अनुभव या तकनीक नहीं थी, लेकिन टावर भले ही चिप व्यवसाय में एक स्थापित छोटी कंपनी है लेकिन उसका एक्सपीरियंस ज्यादा है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थापित की जाने वाली इस परियोजना पर दो चरणों में कुल 84,947 करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) का निवेश होगा और इससे 15,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

सरकार की ओर से कहा गया है कि टावर सेमीकंडक्टर कंपनी और अडानी समूह संयुक्त रूप से पनवेल (जिला रायगढ़) में सेमीकंडक्टर निर्माण की एक मेगा परियोजना शुरू करेंगे। पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 25184 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे कुल 83,947 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 15,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर एक पोस्ट में इस प्रोजेक्ट को लेकर बताया कि प्लांट में एनालॉग, मिक्स सिग्नल सेमीकंडक्टर का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में इसकी क्षमता 40,000 वेफर्स प्रति माह और दूसरे चरण में 80,000 वेफर्स प्रति माह होगी।

केंद्र की मंजूरी का इंतजार

महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद केंद्र द्वारा समझौते को मंजूरी मिलना अभी बाकी है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने अभी तक टावर और अडानी की सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी नहीं दी है लेकिन दोनों ने केंद्र के 76,000 करोड़ रुपये के भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया है। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि MeitY ने अभी तक उनके आवेदन को मंजूरी नहीं दी है। यह अभी हमारे पास है और हम इसका मूल्यांकन कर रहे हैं।

आम लोगों ने बदल दिया निवेश का तरीका, बैंकों में नहीं आ रहा अब पैसा, उधार बढ़ने से RBI चिंतित, Mutual Funds की बल्ले-बल्ले

इंडियन एक्सप्रेस ने इसी साल एक रिपोर्ट् में बताया था कि इज़राइल स्थित टॉवर सेमीकंडक्टर ने भारत में लगभग 8-10 बिलियन डॉलर की लागत का चिप फैब्रिकेशन प्लांट लगाने के लिए एक नया आवेदन प्रस्तुत किया है। टॉवर ने इससे पहले भी केंद्रीय सब्सिडी के लिए आवेदन किया था, लेकिन बाद में इंटेल के साथ विलय के कारण केंद्र से उसके आवेदन पर विचार न करने के लिए कहा था।

अडानी और टावर की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ उद्योग अधिकारी ने कहा कि दोनों को केंद्र की मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद नहीं है, मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं पर अपनी पूरी सब्सिडी राशि समाप्त कर दी है। अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसकी घोषणा करने का कारण निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनावों पर नज़र रखना है। किसी भी मामले में, संयंत्र को चालू होने में कम से कम सात साल लगेंगे, और काम तभी शुरू होगा जब केंद्रीय सब्सिडी को मंजूरी मिल जाएगी।