Adani Group: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें फिर एक बार बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आरोपों से लगभग दो साल जूझने और उबरने के बाद अब उनकी कंपनी के खिलाफ अमेरिका में केस दर्ज हुआ है। इसके बाद उन पर बड़ी गाज गिरी है। इसी बीच केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने अडानी ग्रुप के साथ होने वाली एक बड़ी डील कैंसिल कर दी है।
केन्या के मुख्य हवाईअड्डे के ऑपरेशन को अपने हाथ में लेने के लिए अडानी ग्रुप ने एक प्रपोजल वहां की सरकार को दिया था। जिसको केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने 21 नवंबर को इसे रद्द कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने एक बड़ी एनर्जी डील को कैंसिल करने का आदेश दिया है। ऐसा संयुक्त राज्य अमेरिका में इसके संस्थापक पर अभियोग लगाए जाने के बाद किया गया है।
प्रस्तावित सौदे का उद्देश्य नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तार करना था, जिसके तहत अडानी को दूसरा रनवे जोड़ना था और यात्री टर्मिनल को उन्नत करना था।
रुटो ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्रालय की एजेंसियों को चल रही खरीद को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस निर्णय का श्रेय जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा प्रदान की गई नई जानकारी को दिया।
अडानी समूह की एक कंपनी ने एक अलग परियोजना के लिए विद्युत लाइनों के निर्माण हेतु पिछले महीने ऊर्जा मंत्रालय के साथ 30 वर्ष के लिए 736 मिलियन डॉलर के सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
गुरुवार को ऊर्जा मंत्री ओपियो वांडायी ने स्पष्ट किया कि ट्रांसमिशन लाइनों का ठेका देने में कोई रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार शामिल नहीं था। रूटो की घोषणा का संसद में मौजूद सांसदों ने तालियों से स्वागत किया। अडानी समूह के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी के अनुरोध पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
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अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि समूह के संस्थापक गौतम अडानी , जो दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं, और सात अन्य प्रतिवादियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की थी।
अडानी समूह ने आरोपों से इनकार किया और एक बयान में कहा कि वह सभी संभव कानूनी उपाय अपनाएगा। हवाई अड्डे का प्रस्ताव जुलाई में सार्वजनिक किया गया था, जबकि इसके मूल प्रस्ताव के चार महीने बाद यह सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। सितंबर में केन्याई कोर्ट ने प्रस्तावित 30 साल के लिए हवाईअड्डा पट्टे सौदे को अस्थायी रूप से रोक दिया था, जो हवाईअड्डे के विस्तार के लिए निर्धारित किया गया था।