कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी लगातार अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी पर हमलावर रहते हैं। हालांकि उनके कई नेता अडानी की तारीफ करते हुए और कांग्रेस शासित राज्यों में इन्वेस्टमेंट के संबंध में मुलाकात करते रहते हैं। इसको लेकर कांग्रेस की आलोचना भी होती है। इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बड़ा ऐलान किया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने अडानी फाउंडेशन द्वारा यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को दिए गए 100 करोड़ रुपये के दान को अस्वीकार कर दिया है। सीएम रेड्डी ने कहा कि यह कदम अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगे आरोपों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

प्रीति अडानी को तेलंगाना सरकार ने लिखा पत्र

इंडस्ट्री और कॉमर्स विभाग के विशेष मुख्य सचिव और कमिश्नर जयेश रंजन द्वारा डॉ. प्रीति अडानी को लिखे गए एक पत्र में कहा गया, “आपके फाउंडेशन की ओर से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये देने के लिए हम आपके आभारी हैं। हमने अब तक किसी भी डोनर से फंड के फिजिकल ट्रांसफर के लिए नहीं कहा है क्योंकि विश्वविद्यालय को धारा 80जी के तहत आईटी छूट नहीं मिली थी। हालांकि यह छूट आदेश हाल ही में आया है। माननीय मुख्यमंत्री ने मुझे निर्देश दिया है कि वर्तमान परिस्थितियों और विवादों को देखते हुए फंड के ट्रांसफर की मांग न करें।”

अमेरिका में अडानी पर लगे आरोपों के बाद तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री रेड्डी को राज्य में निवेश करने के लिए ग्रुप को लुभाने के लिए बीआरएस और भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ा। सोमवार को रेड्डी ने कहा, ”तेलंगाना के सम्मान और गरिमा की रक्षा के लिए और मेरे और मेरे कैबिनेट सहयोगियों से जुड़े किसी भी विवाद से बचने के लिए हमने अडानी के दान को अस्वीकार करने का फैसला किया है। हमने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है।”

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आंध्र प्रदेश में चल रहा विवाद

यह घटनाक्रम पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में राजनीतिक विवाद के बीच सामने आया है। पिछले हफ्ते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार के पास अभियोग की रिपोर्ट हैं और आश्वासन दिया कि यदि अनियमितताएं पाई गईं तो कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले कुछ एनडीए सदस्यों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायडू ने कहा कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ आरोपों ने आंध्र प्रदेश की ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा था कि यह दुख की बात है। हमारी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।” पढ़ें अडानी पर अमेरिका में क्या आरोप लगा