बिहार में इंसेफलाइटिस (चमकी बुखार) से 150 से ज्यादा मौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी। पीएम ने संसद में भाषण के दौरान कहा कि इंसेफलाइटिस से मौतें दुर्भाग्यपूर्ण है।
पीएम बुधवार (26 जून 2019) को राज्यसभा में कहा ‘यह हमारे लिए शर्म की बात है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं। पोषण, टिकाकरण पर जोड़ दिया जा रहा है। आधुनिक युग में ऐसी स्थिति हम सबके लिए दुखद है। हमें इसे बेहद गंभीरता से लेना होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘यह सात दशकों में सरकारों की सबसे बड़ी असफलताओं में से एक है। इस दु:खद स्थिति में हम राज्य के साथ मिलकर मदद पहुंचा रहे हैं। ऐसी संकट की घड़ी में हमें मिलकर लोगों को बचाना होगा।’
मोदी ने राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह बात कही। मालूम हो कि बिहार का मुजफ्फरपुर जिला चमकी बुखार से सबसे ज्यादा प्रभावित है। उल्लेखनीय है चमकी बुखार का कोई इलाज नहीं है। तमाम रिसर्च के बाद भी ऐसी कोई दवाई नहीं बनाई जा सकी जिससे पीड़ित रोगियों का इलाज हो सके। यहां तक कि अभी तक इस बीमारी के पीछे के वायरस की भी पहचान नहीं हो सकी है।
बता दें कि चमकी बुखार की वजह से राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हुए हैं। बिहार सरकार में बीजेपी की भी साझेदारी है और केंद्र में भी बीजेपी की ही सरकार है ऐसे में बच्चों को समय पर इलाज न मिलना और अस्पताल की लाचार व्यवस्था के लिए दोनों की ही आलोचना की जा रही है। वहीं बच्चों की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए केंद्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि सात दिनों के भीतर इसपर जवाब दिया जाए।

