Citizenship Amendment Act Protests: नागिरकता संशोधन कानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया है। अब मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी छात्रों का समर्थन किया है। स्वरा भास्कर ने एक वीडियो जारी कर छात्रों के समर्थन में कई बाते कही हैं। स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर वीडियो जारी करते हुए लिखा कि ‘भारत के प्रजातंत्र के लिए इस अंधाकरमय साल के अंतिम दिन देश के छात्रों और सिविल सोसायटी के सदस्यों को बहुत धन्यवाद जिन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन किया। आप लोगों ने इस देश को नींद से जगाया है।’ इस ट्वीट के साथ ही स्वरा भास्कर ने एक वीडियो भी जारी किया है।
वीडियो में अभिनेत्री कह रही हैं कि ‘आज की तारीख में छात्र हमारे हीरो हैं। छात्र इस देश की उम्मीद हैं…छात्रों ने हमारे समाज को नैतिकता वापस दी है…ये एक ऐसा समाज है जिसे लिंचिंग से फर्क नहीं पड़ता…ये एक ऐसा समाज बन गया था जहां लोगों को जिंदा जलाया जा रहा था…उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था…मुझे लगता है कि छात्र तारीफ के काबिल हैं…हम सो रहे थे उन्होंने हमे जगाया है…हमें उनका आभार व्यक्त करना चाहिए। यह एक ऐसा मौका है हमारे दौर में जिसमें उम्मीदे हैं, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि किसी को लगा था कि इस कदर एकताबद्ध होगी भारत की जनता…और यह एक ऐसी जनता है जो अलग-अलग समुदाय से आती है…अलग-अलग वर्ग से आती है…शायद रोजमर्रा की जिंदगी में हम एक-दूसरे को हैलो भी नहीं बोलते…मौका ही नहीं मिलता।’
On the last day of the darkest year for #India ‘a democracy a BIG shout out to the STUDENTS OF INDIA & civil society members who are leading peaceful protests against unethical laws & schemes like CAA- NRC-NPR! U have returned this country her conscience #IndiaDoesNotSupportCAA pic.twitter.com/3NqQmbVycj
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 31, 2019
स्वरा भास्कर नागरिकता संशोधन कानून का शुरू से ही विरोध करती रही हैं। इससे पहले इसी महीने सीएए को लेकर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में जमा हुए हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लिया था।
उस वक्त स्वरा भास्कर ने ‘ANI’ से बातचीत करते हुए कहा था कि ‘इस देश में सीएए या एनआरसी की कोई आवश्यकता नहीं है…आपके पास शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया है और यदि आप उस आधार पर अदनान सामी को नागरिकता प्रदान कर सकते हैं तो आप उसी प्रक्रिया के आधार पर हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता क्यों नहीं दे सकते….आपको संविधान क्यों बदलना है?’