19 साल पहले मर्चेंट नेवी के कैप्टन विर्दी हत्याकांड के भगोड़े हुसैन शत्ताफ को देश वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने यूएई के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जानकारी दे दें कि हुसैन शत्ताफ महाराष्ट्र के लोनावला में साल 2006 में रिटायर्ट मर्चेंट नेवी कैप्टन मनमोहन सिंह विर्दी के हत्या मामले में वांछित है। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया कि प्रत्यर्पण का अनुरोध पिछले हफ्ते ही यूएई स्थित भारतीय को भेज दिया गया है। कहा जा रहा कि शत्ताफ जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करके अवैध तरीके से रह रहा।
भगोड़े को प्रत्यर्पित करने की औपचारिकताएं शुरू
अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने यूएई से भगोड़े को प्रत्यर्पित करने की औपचारिकताएं शुरू कर दी है। आगे कहा कि सरकार वांछित अपराधियों को वापस भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शत्ताफ पर हत्या, जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और फर्जी कागजात के आधार पर पासपोर्ट प्राप्त करने का मामला दर्ज है। आरोप है कि हत्या के बाद शत्ताफ भारत से भाग गया।
क्या है मामला?
14 मई 2006 की पुणे के मशहूर हिल स्टेशन लोनावाना में सेवानिवृत्ति मर्चेंट नेवी कैप्टन मनमोहन सिंह विर्दी के बंगले पर उनका शव बरामद हुआ था। अपराधियों ने शातिराना तरीके से हत्या को अंजाम दिया था, जिससे पुलिस को कोई सबूत न मिले।
पुलिस के शुरुआती जांच में मामला लूटपाट के दौरान हत्या का लगा था, जैसे-जैसे आगे बढ़ने के साथ हुसैन मोहम्मद शत्ताफ, उसकी पत्नी वाहीदा हुसैन शत्ताफ और उसके साथी जानिश खान का नाम सामने आया।
पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हुसैन शत्ताफ और वाहीद, कानून के लोपहूल का फायदा उठाकर बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत पाने में सफल हो गया। कोर्ट ने शत्ताफ और उसकी पत्नी को बरी कर दिया। इसके बाद आरोपी हुसैन मोहम्मद शत्ताफ देश छोड़कर यूएई भाग गया। अब उसे वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यह भी पढ़ें: शेख हसीना दे रहीं भड़काऊ बयान, बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब तो भारत ने दिया जोरदार जवाब
