एबीपी न्यूज पर डिबेट के दौरान जब पैनलिस्ट कहने लगे कि हम प्रवचन नहीं सुनना चाहते हैं। कर्म करना चाहते हैं। इस पर एंकर ने टोकते हुए कहा कि आप भी प्रवचन न दें, ये बताएं कि फुटबॉल लेकर रैली करना कर्म है? सीएम कोरोना को लेकर बुलाई गई बैठक में क्यों शामिल नहीं हुईं?
डिबेट में टीएमसी प्रवक्ता ने कहा कि बिहार चुनाव के समय बीजेपी ने वादा किया था कि अगर हम बिहार में सरकार बनाएंगे तो मुफ्त में वैक्सीन देंगे। ये पहला मौका था जब कोरोना टीकाकरण का राजनीतिकरण किया गया। पैनलिस्ट ने कहा कि बड़े दुख से बताना पड़ रहा है कि कोरोना के इस समय में प्रवचन भी देखा गया। कभी थाली बजाना, कभी दिया जलाना। कोरोना के समय पर ट्रंप का वेलकम किया जा रहा था। ट्रंप ठीक से स्वामी विवेकानंद का नाम भी नहीं ले पा रहे थे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रचार के बीच पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई कोरोना रिव्यू मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं। हालांकि जानकार सीएम ममता बनर्जी की इस बात को लेकर आलोचना कर रहे हैं कि ममता को अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाना चाहिए था। हालांकि इस मीटिंग में बंगाल के मुख्य सचिव शामिल हुए थे। कल होने वाले चौथे चरण के मतदान से पहले सीएम ममता और पीएम मोदी एक दूसरे पर लगातार हमलावर रहे हैं।
ममता के करीबियों का कहना है कि सीएम ममता चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने के चलते इस मीटिंग में शामिल नहीं हो सकीं थीं।
इससे पहले भी कई मौकों पर सीएम ममता केंद्र द्वारा बुलाई गई मीटिंग में शामिल नहीं हुई हैं। पिछले महीने कोरोना टीकाकरण और कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में वे शामिल नहीं हुई थीं।
मालूम हो कि इस साल नेताजी सुभाष की जयंती पर कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाषण देने से इंकार कर दिया था। इस मौके पर पीएम मोदी मौजूद थे।
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कार्यक्रम में सीएम ममता को देखकर कुछ लोग जय श्री राम के नारे लगाने लगे जिसे देखकर ममता बनर्जी आगबबूला हो उठीं। उस समय ममता बनर्जी ने कहा था कि इस तरह किसी को अपने कार्यक्रम में बुलाकर अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।