गढ़वाल मंडल के सीमांत जिले उत्तरकाशी के पुरोला में दो नाबालिग को भगाए जाने के मामले को लेकर 15 दिन से माहौल गरमाया हुआ है। इस मामले में ओवैसी के ट्वीट के बाद लव जिहाद का मामला फिर से गरमा गया है। मुसलिम संगठनों ने 18 जून को देहरादून में पुरोला कांड के खिलाफ महापंचायत करने का ऐलान किया है। इन दोनों महापंचायतों को लेकर पुलिस- प्रशासन चौकस दिखाई दे रहा है।
15 जून की हिंदू संगठनों की महापंचायत को सफल बनाने के लिए हरिद्वार, ऋ षिकेश, देहरादून, रुड़की तथा अन्य क्षेत्रों में विभिन्न हिंदू संगठनों की बैठक हुर्इं। वहीं दूसरी ओर मुसलिम संगठन भी 18 जून को देहरादून में होने वाली महापंचायत को लेकर कमर कसे हुए हैं। देहरादून के पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि 18 जून को होने वाली मुसलिम महापंचायत में उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में रह रहे समाज के लोगों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह दुखद है। पलायन की घटना बहुत दुख की बात है।
मुसलिम समुदाय की महापंचायत गांधी रोड देहरादून स्थित पुराने बस स्टैंड के पीछे खुले मैदान में होगी। इसमें सभी क्षेत्रों के मुसलमान भाग लेंगे। बासनी कासमी का कहना है कि उत्तराखंड में आने वाले चार-पांच दिन राजनीतिक सामाजिक उथल-पुथल के रहेंगे। मुसलिम समुदाय के प्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला।
सामाजिक कार्यकर्ता और उत्तरकाशी के लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि पुरोला में जो घटना घटी थी, उसने उत्तरकाशी को पूरे देश विदेश में चर्चा का केंद्र बना दिया है। पुरोला प्रधान संगठन ने 26 मई को पुरोला में नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश करने के मामले के बाद उपजे विवाद पर 15 जून को पुरोला में महापंचायत का एलान किया है। वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने ग्राम प्रधान संगठन से महापंचायत नहीं करने की अपील की है, परंतु संगठन के अध्यक्ष अंकित सिंह रावत ने जिलाधिकारी की अपील को ठुकरा दिया है।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में कहा है कि 15 जून को होने वाली महापंचायत पर तुरंत रोक लगाई जाए। वहां रह रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान दी जाए।उन्होंने कहा कि वहां से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने का इंतजÞाम किया जाए। भाजपा सरकार का काम है कि गुनहगारों को जेल भेजे और जल्द अमन कयम हो।
25 मई को उत्तरकाशी के पुरोला में एक समुदाय विशेष के लड़के द्वारा लड़की ले जाने के मामले में विवाद बहुत अधिक बढ़ गया है। इस घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने पुरोला उत्तरकाशी आदि जगह पर व्यापार कर रहे और दुकान चला रहे तथा रह रहे एक विशेष समुदाय के लोगों से उत्तरकाशी जिला खाली करने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगा दिए। 25 मई की घटना के बाद लोगों ने तब से अपनी दुकानें नहीं खोलीं और बड़ी संख्या मेंवे अन्य जगहों पर पलायन कर गए हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों रुद्रप्रयाग पिथौरागढ़ बागेश्वर व जोशीमठ में भी प्रदर्शन किए गए। हिंदू संगठनों के नेता उज्ज्वल पंडित का कहना है कि रुद्रप्रयाग और जोशीमठ में भी समुदाय विशेष के युवकों ने स्थानीय नाबालिग लड़कियों को भगाने का प्रयास किया। इन घटनाओं को लेकर भी इलाके में तनाव देखा जा रहा है। इधर, प्रदेश में विभिन्न हिन्दू संगठनों ने लव जिहाद के खिलाफ प्रदर्शनकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
कांग्रेस पार्टी इसके लिए दोषी : हिंदू संगठन
हिंदू संगठनों के प्रमुख नेता उज्ज्वल पंडित का कहना है कि साजिश के तहत उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोगों को कांग्रेस की पिछली सरकारों ने बसाया। जिस तरह से उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व बढ़ाया जा रहा है, वह राज्य के हित में नहीं है क्योंकि उत्तराखंड राज्य चीन और नेपाल की सीमा से लगा हुआ एक संवेदनशील राज्य है।
उन्होंने इस पर्वतीय राज्य के जनसंख्या घनत्व को बिगाड़ने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर आरोप लगाया जिनकी तुष्टीकरण की नीति के कारण राज्य आज सांप्रदायिकता विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है। चुनावी फायदे के लिए हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए जुम्मे का अवकाश घोषित किया और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार आने पर मुसलिम विश्वविद्यालय राज्य में खोलने की बात कही।
मुसलिम संगठनों ने पलायन रोकने की गुहार लगाई
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, लक्सर विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद, राज्य हज समिति के अध्यक्ष खतीब अहमद, वक्फ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अनीस, सदस्य इकबाल अहमद, राज्य हज समिति सदस्य नफीस अहमद ने मुख्यमंत्री से मिलकर मांग की कि पहाड़ में माहौल खराब कर रहे लोगों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, पलायन करने वाले लोगों को वापस बुलाया जाए और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। इसके लिए प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को लव जिहाद और लैंड जिहाद के मामले में किसी भी तरह का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा। सरकारी संपत्तियों पर अवैध रूप से बने हुए धार्मिक स्थानों को चिन्हित कर हटाया जा रहा है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकारी भूमि से समस्त अवैध अतिक्रमण नहीं हटा दिया जाता है।
–पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड