देश में इस समय यूनियन सिविल कोड को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। कई राजनीतिक दलों ने इसे लागू करने पर आपत्ति जताई है। इस बीच सरकार को इस पर आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला है। आप नेता संदीप पाठक ने इसे लेकर समर्थन जताया है और साथ ही यह भी सलाह दी है कि सभी धर्मों, संप्रदायों और राजनीतिक दलों के साथ बड़े स्तर पर बैठक कर सहमति बनाई जानी चाहिए।

‘बड़े स्तर पर होनी चाहिए बैठक’

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से हम यूनियन सिविल कोड के समर्थन में हैं। आर्टिकल 44 भी इसका समर्थन करता है कि देश में यूसीसी लागू होना चाहिए, लेकिन क्योंकि यह मुद्दा ऐसा है, जो सभी धर्म और संप्रदाय से जुड़ा है इसलिए हम ये चाहते हैं कि इस मुद्दे के लिए बड़े स्तर पर बात हो।

उन्होंने कहा, “सभी धर्म, संप्रदाय और राजनीतिक दलों से बात हो। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन्हें आने वाले समय में पलट नहीं सकते, कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे मूलभूत मुद्दों पर सत्तावादी तरीके से जाना ठीक नहीं है तो वाइडर कंसल्टेशन की जरूरत है। सबसे बात करके सहमति इस पर बननी चाहिए ये हमारा मानना है।”

इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यूसीसी को लेकर कहा था कि एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच विभाजन बढ़ेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यूनियन सिविल कोड की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है।

समान नागरिक संहिता लंबे समय से भाजपा के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी शामिल है। विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों समेत हितधारकों से राय मांगी थी।