पिछले सात महीने से भी अधिक समय से दिल्ली से सटे सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क़ानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इसी बीच एक न्यूज चैनल पर जब एक पत्रकार ने मशहूर फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी से किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछा। तो फिल्म अभिनेता ने किसान आंदोलन को लेकर सीधे सीधे जवाब देने के बजाय बेहद ही डिप्लोमैटिक जवाब दिया।

आजतक न्यूज चैनल पर सीधी बात कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकार प्रभु चावला ने फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी से पूछा कि सुना है कि आप काफी दिनों से गांव में थे। इसपर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हां कुछ दिनों से गांव में था और खेती भी कर रहा था, जो काफी दिनों से छुट गया था। फिल्म अभिनेता के इतना कहते ही पत्रकार प्रभु चावला ने उनसे किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछ लिया।

किसान आंदोलन के सवाल पर फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने सीधे सीधे जवाब देने के बजाय बेहद ही डिप्लोमैटिक जवाब दिया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि आंदोलनकारी किसान और सरकार बैठकर बातचीत करें तो जरूर हल निकलेगा। आगे फिल्म अभिनेता ने किसानों की मांगों को लेकर कहा कि अमूमन मांगे तो जायज ही होती हैं और उसके समाधान भी होते हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि सरकार के पास इसका भी समाधान है। 

आगे नवाज ने कहा कि कुछ वक्त के बाद जरूर इस आंदोलन का समाधान निकलेगा. कुछ ना कुछ हल जरूर निकलेगा। मुझे सरकार से उम्मीद है और किसानों से भी उम्मीद है कि अगर दोनों बैठकर बातचीत करेंगे तो जो भी समाधान होगा वह जरूर अच्छा होगा।

 

बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को 7 महीने से अधिक होने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच जनवरी महीने से ही कोई बातचीत नहीं हुई है और गतिरोध जारी है। केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक निलंबित करने का प्रस्ताव भी दिया था लेकिन किसान संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया था। हालांकि कृषि मंत्री ने भी साफ़ कर दिया है कि वे तीनों कानूनों के किसी भी प्रावधान पर बात करने को तैयार हैं लेकिन इन कानूनों को रद्द करने पर कोई बात नहीं होगी।