सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मुकदमे की सुनवाई पूरी हो गई । भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 17 अक्टूबर तक समाप्त होने वाले भूमि विवाद मामले में सभी दलीलें मांगी थीं। सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। राम जन्मभूमि पर फैसला आने से पहले ही टीवी चैनलों पर बहस का सिलसिला लगातार जारी है।

टीवी चैनल्स स्टूडियो से लेकर अयोध्या तक जाकर विवाद पर बहस आयोजित कर रहे हैं। बहस के दौरान हिंदू संत और मुस्लिम स्कॉलर्स और जानकारों को बुलाया जा रहा हैं। इस दौरान दोनों अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं। इसी कड़ी में एक टीवी चैनल पर इस मुद्दे पर बहस हो रही थी। जब एक हिंदू संत मुस्लिम स्कॉलर पर भड़क गए।

मुस्लिम  पैनलिस्ट शोएब जमई ने कहा देखिए मैं हमेशा से यह कहता रहा हूं कि  हम संविधना की गरिमा और उसकी मर्यादा को मानते हैं तो मैं इन लोगों से बस यह पूछना चाहता हूं कि अगर फैसला  हिंदुओं के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो क्या आप सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करेंगे या नहीं करेंगे। जिस तरह से मुस्लिम पक्षकार और हमने कहा है कि हम फैसले का सम्मान करेंगे। मैं हिंदू पक्षकारों से यही पूछना चाहता हूं कि क्या ले लोग अपने खिलाफ फैसला स्वीकार करेंगे।इस पर महंत राजू ने कहा कि यह गोल-गोल घुमाने वाली बात नहीं है। अगर संविधान में और कानून में विश्वास नहीं होता तो 70 साल से हम मुकदमा नहीं झेल रहे होते और राम जी हमारे टाट में नहीं रह रहे होते।

इसपर मुस्लमि स्कॉलर ने कहा कि यहां सवाल बाबर का नहीं है, एक मस्जिद का है।  जिसके बाद महंत राजू भड़क गए और बोले की अरे गजब बात कर रहे हो मुझसे ज्यादा मुसलमानों को किसने सम्मान दिया। आप मुझसे बात करिए ना। आपको शर्मा नहीं आती कि मैंने अनेकों मस्जिदें बनाकर दी है’