न्यूजरुम में आजकल मुद्दे गायब है। जनसरोकारी मुद्दों से ज्यादा चीखने चिल्लाने वालें मुद्दों पर टीवी डिबेट में बात होती है। इसके अलावा निजी समाचार चैनलों पर मुद्दों की बहस के पतन के साथ-साथ भाषा का भी पतन होता नजर आया है। पैनलिस्टों का एक दूसरे भी भिड़ना और तीखी बहस आम हो चली है।

एक टीवी कार्यक्रम के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पाकिस्तान के पत्रकार को आतंकवादी कहने से भी नहीं कतराए। दरअसल एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान पाकिस्तान के पत्रकार ने कहा कि उधर के लोग (भारत के लोग) पाकिस्तान के साथ हैं। इसलिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उधर जाते हैं। अब आपको समझ में आ गई बात। इस बात पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब देते हुए कहा कि मैं दो बातें जोड़ना चाहूंगा।

जहां तक पीओके का सवाल है तो पीओके को लेकर इमरान खान के दिल में भी दहशत है। कुछ दिन पहले इमरान खान ने एक बयान दिया था कि जैसा हमारा हाल बालाकोट में किया गया हमें डर है कि कहीं वैसा ही हमारा हाल पीओके के लिए ना कर दिया जाए। तो कहीं ना कही पूरी पाकिस्तान की आर्मी और पाकिस्तान खौफ में बैठा हुआ है।

इस पर पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि पात्रा साहब आप कुछ करें तो सही। इसपर पात्रा ने कहा कि अरे आप पत्रकार हैं चिल्ला रहे हैं आतंकवादियों की तरह क्यों बर्ताव कर रहे हैं। वैसे ही आपको स्काइप में देखकर डर लग रहा है और आप ऐसे चिल्लाए मत और हिंदुस्तान में छोटे-छोटे बच्चे हैं। आप ऐसा डरावना चेहरा बनकर ना बैठे।