महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को एक और झटका लगने की आशंका है। उनके बेहद करीबी राहुल कनाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।

राहुल कनाल बांद्रा इलाके में एक जाना माना चेहरा हैं और 10 साल पहले युवा सेना के गठन के बाद से उन्हें आदित्य का करीबी माना जाता है। उन्होंने पहले युवा सेना कोर कमेटी का व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ा और कहा कि वह पैनल की कार्यप्रणाली से परेशान हैं। कनाल को शिरडी में साईं बाबा के मंदिर ट्रस्ट, श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (SSST) के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया था और 2017 में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) शिक्षा समिति के सदस्य भी थे।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने शुक्रवार को कनाल और बांद्रा पश्चिम से युवा सेना के सभी पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर कहा, “दुखद महसूस हो रहा है!!! हम अच्छी तरह से जानते हैं कि यह किसने किया है लेकिन जिन लोगों ने आपके लिए काम किया है उन्हें बिना सुने हटाना अहंकार है और आप मुझे हटा सकते हैं लेकिन उन लोगों को नहीं जिन्होंने अभी तक दिन-रात काम किया है। चलो अच्छा है सबको पता चले कि अहंकार क्या होता है!!!”

एक और ट्वीट में उन्होंने पदाधिकारियों से माफी मांगी और कहा, “जय महाराष्ट्र!!! मैं अपने सभी वास्तविक कार्यबल के लिए दुखी हूं जिन्होंने दिन-रात काम किया और आपको मेरी वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा और वो भी इसलिए कि आप सही के लिए खड़े होते हैं, यह तो सिर्फ शुरुआत है, धन्यवाद।” पार्टी का आधुनिक चेहरा कनाल बॉलीवुड और मनोरंजन उद्योग की कई मशहूर हस्तियों के करीबी हैं।

महज शरिया का विरोध UCC का आधार नहीं हो सकता: शिवसेना

समान नागरिक कानून को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच शिवसेना (UBT) की भी प्रतिक्रिया आई है। उसका कहना है कि सिर्फ शरिया का विरोध ही यूसीसी का आधार नहीं हो सकता। पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूसीसी का मतलब कानून और न्याय की दृष्टि में सभी के लिए समानता भी है। शरिया, कुरान की शिक्षाओं और पैगंबर मोहम्मद के उपदेशों पर आधारित इस्लामिक धार्मिक कानून है, जिसका मुस्लिम समाज के लोग पालन करते हैं।

पार्टी के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे के सेना ने कहा कि सिर्फ मुसलमानों के शरिया कानून का विरोध करना समान नागरिक संहिता का आधार नहीं हो सकता। कानून एवं न्याय की दृष्टि में सभी के लिए समानता भी समान नागरिक संहिता का हिस्सा है। इसमें कहा गया कि अगर सत्तारूढ़ दल से जुड़े भ्रष्ट लोगों, मंत्रियों और कारोबारियों को सुरक्षा दी जाए एवं विपक्षी दलों के नेताओं को भ्रष्टाचार-रोधी कानूनों के तहत आरोपित किया जाए, तो यह किस प्रकार का कानून है।