वे नौकरी पेशा लोग जिनका वॉलंटियरी प्रोविडेंट फंड जमा रेगुलर प्रोविडेंट फंड मिलाकर साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा रहता है उनको अगले साल से कम रिटर्न मिलेगा। जितना ज्यादा पीएफ कंट्रीब्यूशन होगा उतना कम रिटर्न मिलेगा। यह इसलिए क्योंकि सरकार पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने जा रही है। इसका असर कर्मचारियों को मिलने वाले रिटर्न पर पड़ेगा। हालांकि टैक्स की दर एक जैसी ही रहेगी सिवाय उन मामलों के जहां सरचार्ज लग रहा होगा। 2.5 लाख तक के पीएफ पर 8.5 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा। इस पर मिलने वाले ब्याज पर सरकार टैक्स नहीं लगाएगी।

जिन लोगों का पीएफ कंट्रीब्यूशन 36 से 48 लाख है उनकी आय 1 करोड़ के आस-पास मानी जा रही है। इसलिए ब्याज पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इसके अलावा 10 प्रति सरचार्ज लगेगा। जिनका पीएफ कंट्रीब्यूश 60 लाख के आस-पास है। उनकी आमदनी 1-2 करोड़ के आस-पास हो सकती। जिसके ब्याज पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा और 15 सरचार्ज होगा। वहीं, 1.20 करोड़ के पीएफ कंट्रीब्यूशन पर ब्याज पर 30 प्रतिशत टैक्स और 25 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। जिनका पीएफ कंट्रीब्यूश 2.5 करोड़ के आस-पास है उनके ब्याज पर 30 प्रतिशत टैक्स और 37 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा।

बता दें कि 2.5 लाख तक के पीएफ कंट्रीब्यूशन पर 8.5 प्रतिशत तक का पीएफ रिटर्न मिलेगा। 3 लाख पर 8 प्रतिशत, 6 लाख पर 6.9 प्रतिशत , 12 लाख पर 6.4 प्रतिशत, 24 लाख पर 6.1 प्रतिशत, 36-48 लाख पर 5.7 प्रतिशत , 60 लाख पर 5.5 प्रतिशत, 1.20 करोड़ पर 5.2  प्रतिशत और 2.5 करोड़ के पीएफ कंट्रीब्यूशन पर 4.9 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।

बता दें कि पहली बार सरकार ने कर्मचारियों के पीएफ पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। जिसमें केवल एक वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर ब्याज पर टैक्स लगेगा। हाल के बजट प्रस्तावों में, सरकार ने प्रस्ताव किया है कि 2.5 लाख रुपये से अधिक के पीएफ में योगदान पर ब्याज पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी। यह पीएफधारकों के लिए चिंता की वजह हो सकती है। यह सिर्फ उन लोगों को प्रभावित करेगा जो एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक का पीएफ कंट्रीब्यूश करते हैं।