7th Pay Commission Latest News in Hindi: बंगाल चुनाव को लेकर बीजेपी ने जो ऐलान अपने घोषणा पत्र में किए, उसमें एक बड़े तबके को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की गई है। बीजेपी ने ऐलान किया है कि सत्ता में आते की उसकी सरकार 7th Pay Commission लागू करेगी। इसके साथ ही पार्टी ने महिलाओं को नौकरी में 33% आरक्षण देने की भी बात की गई है। बीजेपी की माने तो ऐसा लगता है कि उसकी सरकार बनता ही सरकारी कर्मियों के दिन बहुरने वाले हैं।
बंगाल में अभी तक 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं है। केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में पश्चिम बंगाल के कर्मचारियों को काफी कम वेतन मिलता है। राज्य सरकार के कर्मचारियों को पिछले साल यानी 2020 में ही छठे वेतन आयोग का लाभ दिया गया। केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2006 से ही छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी थी। लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों को 14 साल के इंतजार के बाद 2020 में इसका फायदा मिला। केंद्र के कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हैं।
सूत्रों का कहना है कि 2011 में राज्य की सत्ता की बागडोर संभालने वाली ममता बनर्जी ने भी उस वक्त वादा किया था कि वह सत्ता में आते ही राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय वेतनमान के हिसाब से वेतन देंगी। लेकिन उन्होंने यह वादा कभी नहीं निभाया। काफी हंगामे और कोर्ट के आदेश के बाद उनकी सरकार ने 2020 में पश्चिम बंगाल में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात कही।
इस चुनाव में वेतन आयोग का मु्द्दा छाया हुआ है। बीजेपी लगातार कह रही है कि उसकी सरकार बनी तो वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएगी। इस बीच वेतन विसंगति को लेकर कर्मचारियों के बीच व्याप्त असंतोष को देखते हुए इसी साल जनवरी में ममता बनर्जी ने राज्य कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया था।
बीजेपी ने रविवार को घोषणा की कि बंगाल में उसकी सरकार बनती है तो राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण, पांच साल के भीतर प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा। संशोधित मतदाता सूची के मुताबिक, राज्य के 7.18 करोड़ मतदाताओं में से 3.15 करोड़ यानी करीब 49% महिलाएं हैं। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि कोई भी पार्टी इनकी अनदेखी का खतरा नहीं मोल ले सकती।
सूत्रों का कहना है कि बंगाल की महिलाएं सिर्फ पति या घर के मुखिया के कहने पर वोट नहीं देती. राजनीतिक रूप से जागरूक इन महिलाओं की अपनी सोच भी है। यही वजह है कि टीएमसी और बीजेपी इन्हें अपने पाले में खींचने के लिए तमाम जुगत भिड़ा रही हैं। महिलाओं को लुभाने के लिए टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 42 में से 17 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था। 2016 के विधानसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों की तादाद 45 थीं। बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनावों में 31 महिलाओं को मैदान में उतारा था। टीएमसी ने इस बार 50 महिलाओं को टिकट दिया है।
गौरतलब है कि बीजेपी ने बंगाल चुनाव के लिए मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा के विजन को बताने वाले मेनिफेस्टो को जारी किया। मेनिफेस्टो में सोनार बांगला बनाने का रोडमैप बताया गया है। यह घोषणापत्र पश्चिम बंगाल की सभी 294 विधानसभाओं की जनता से मिले सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।