हरियाणा के नैशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट में बीते एक हफ्ते में कम से कम 75 गाय और भैंसों की संदिग्ध तरीके से मौत हो चुकी है। एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से की गई शिकायत में यह बात सामने आई है। शुरुआती जांच में इस बात के संकेत मिलते हैं कि इन पशुओं को जहरीला चारा दिया गया। उधर, बरेली की इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (IVRI) की एक टीम सोमवार को करनाल पहुंच गई। टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नरेश काडयान ने पुलिस में एनडीआरआई डायरेक्टर डॉक्टर आरबी सिंह और कुछ अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। नरेश का आरोप है कि डायरेक्टर और कुछ दूसरे अधिकारियों ने बिना पोस्टमार्टम कराए मृत पशुओं को दफना दिया और मामले को रफा-दफा की कोशिश की। वहीं, इस मामले पर बात करने के लिए कई बार कोशिश करने के बावजूद डॉक्टर सिंह से संपर्क नहीं किया जा सका।

काडयान ने बताया, ‘जहरीले चारे की वजह से कम से 75 गाय और भैंसें मर गईं। उन्हें बिना किसी पोस्टमार्टम के एनडीआरआई के परिसर में दफना दिया गया। यह पूरी तरह प्रक्रिया का उल्लंघन है। इससे सरकार को काफी नुकसान हुआ है। इसकी शुरुआत हफ्ते भर पहले हुई जब तीन भैंसें मर गईं। उस वक्त एनडीआरआई ने दावा किया कि यह सर्प दंश का मामला है और उन्हें बिना पोस्टमॉर्टम दफना दिया गया।’

वहीं, आईवीआरआई की एक टीम ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया, ‘हमारी टीम को एनडीआरआई ने बुलाया है। एक प्रतिनिधि ने मृत पशुओं के विसरा और ब्लड सैंपल भेजे थे। चूंकि, मौतों का सिलिसला जारी रहा, इसलिए हमारी टीम आई है। आगे जांच जारी है। शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि मौत की वजह जहरीला चारा है, जिसे संस्थान ने करीब 10 दिन पहले खरीदा था।’

वहीं, करनाल के एसपी सुरिंदर सिंह भूरिया ने कहा, ‘हमें एनडीआरआई के डायरेक्टर के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत मिली है।’ अफसर ने बताया कि इस मामले में एक डेली डायरी रिपोर्ट दर्ज की गई है। चूंकि यह एक तकनीकी मामला है , इसलिए पुलिस पशुपालन विभाग के अधिकारियों की एक टीम मौके पर कल ले जाएगी और आगे की जांच की दिशा तय करेगी। बता दें कि करनाल स्थित एनडीआरआई की दुग्ध विकास के क्षेत्र में देश के अग्रणी रिसर्च इंस्टिट़्यूट में गिनती होती है।