अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गिराए जाने को 34 साल हो चुके हैं। वहीं, वहां बने भव्य राम मंदिर को भी 2 साल पूरे हो गए हैं। राम मंदिर का निर्माण तो पूरा हो चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मस्जिद का निर्माण भी होना है। हालांकि, मस्जिद निर्माण का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को धनीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन दी गई थी, जहां नई मस्जिद का निर्माण होना है। बताया जा रहा है कि अभी भी प्रशासन को इस फाउंडेशन से स्ट्रक्चरल मैप जमा करवाना है। साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए पर्याप्त डोनेशन भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में मार्च 2026 तक ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में ही मुस्लिम समुदाय को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने यह जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को सौंपी, जिसने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया। अयोध्या में बनने वाली इस मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद रखा गया है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष जफर अहमद फ़ारूकी ने बताया कि अब तक जमीन पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। पहले मस्जिद की डिजाइन में भी बदलाव किए गए थे। अब उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी को रिपोर्ट और मैप सौंप दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, मैप सबमिट होने के बाद 3 महीने के भीतर इसके अप्रूवल की संभावना है।

फ़ारूकी के मुताबिक, 2021 में मस्जिद की पहली डिजाइन तैयार की गई थी, लेकिन उसे काफी मॉडर्न बताया गया, जिससे मुस्लिम समुदाय खास खुश नहीं था। इसी वजह से चंदा भी कम मिला। अब जो नया डिजाइन तैयार हुआ है, वह ज्यादा ट्रेडिशनल है। इसमें 5 मीनारें और पारंपरिक गुंबद संरचनाएं होंगी।

मस्जिद निर्माण के लिए अधिक डोनेशन मिल सके, इसके लिए हॉस्पिटल, कम्युनिटी किचन और इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर जैसे अन्य इनिशिएटिव पर भी विचार किया जा रहा है। ट्रस्ट की वेबसाइट पर लिखा है कि “मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद निर्माण में चंदा देकर अपना योगदान दें। आपका सहयोग सिर्फ मस्जिद निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एकता, सेवा और सामाजिक विकास का केंद्र भी बनेगा।”

इधर, मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया तेज करने की बात हो रही है, वहीं कुछ दिन पहले ही अयोध्या के राम मंदिर में धर्म ध्वज फहराया गया। श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष निरिपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वर्ष 2026 तक बाउंड्री वॉल और ऑडिटोरियम का निर्माण भी पूरा होने की उम्मीद है। मिश्रा के अनुसार, मंदिर निर्माण के लिए 3000 करोड़ रुपए मिले थे, जिनमें से 1800 करोड़ रुपए निर्माण पर खर्च हो चुके हैं।

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