कोरोना संक्रमण की लहर धीमी पड़ने के बाद राज्य सरकार ने दिल्लीवासियों को राहत दी है लेकिन सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि इस लहर में सबसे अधिक नुकसान अन्य दूसरी बीमारी वाले मरीजों का उठाना पड़ा है। मात्र 22 दिन के अंदर दिल्ली में 691 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है। संक्रमण से मरने वाले मरीजों में सबसे अधिक ऐसे मरीज शामिल हैं जो अस्पतालों में अपनी किसी अन्य बीमारी का इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 531 मरीज जो संक्रमण का शिकार थे। उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है जबकि 151 मरीजों में प्राथमिक तौर पर संक्रमण का असर था। जिनकी मौत इस दौरान हुई है। इन मरीजों में नौ मरीज ऐसे भी पाए गए हैं, जिनकी मौत की वजह अन्य कारण रहा है।
13 जनवरी से 3 फरवरी के बीच ये स्थिति देखने को मिली है। आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन संक्रमण से मरने वालों की दर हर दिन औसतन 31 रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान में 15 से 17 जनवरी के बीच दिल्ली में सबसे अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी थी। 24 जनवरी के बाद से इस आंकड़े में लगातार गिरावट दर्ज की
गई है।
8.33 लाख बच्चों को लगा पहला टीका
सरकार ने बच्चों के लिए भी टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत 15 से 18 साल तक के बच्चों को संक्रमण से बचाव का टीका लगाया जा रहा है। अब तक दिल्ली में 8.33 लाख बच्चों को पहला टीका लगा है और 39 हजार बच्चों को दूसरा टीका लगा है। टीकाकरण की प्रक्रिया में अब तक सबसे अधिक टीके सरकारी स्कूल के बच्चों को लगाए जा चुके हैं। ऐसे 95 फीसद बच्चों का टीकाकरण हो चुका है।
इस बीच दिल्ली में कोरोना के मामलों में गिरावट लगातार जारी है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि बीते दिन 2,272 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 3.85 फीसद दर्ज की गई। वहीं इस दौरान 20 मरीजों की मौत हो गई। शुक्रवार को कुल 59,036 लोगों की जांच की गई। इसमें 47,449 आरटी-पीसीआर जांच की गई। वहीं 11,257 रैपिड जांच की गई।
रिपोर्ट के अनुसार बीते दिन 4,166 मरीज इस महामारी से उबरे। दिल्ली में अब भी 11,716 मरीज सक्रिय हैं। वहीं 8,170 मरीज अभी भी बीमारी की चपेट में होने की वजह से घरों में एकांतवास में रह रहे हैं। जबकि 1133 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। बीमारी से पीड़ित मरीजों में 398 को अभी आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है जबकि 94 मरीज गंभीर हैं उनको जीवन रक्षक प्रणाली के सहारे इलाज दिया जा रहा है।