केंद्र सरकार जबसे अग्निपथ योजना लेकर आई है, तब से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर इस योजना को लेकर निशाना साध रहा है। जब योजना की घोषणा की गई थी, उस दौरान कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए थे और प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी भी अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जितने लोग हर वर्ष सेना से रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ पांच फीसदी लोगों को ही सरकारी नौकरी मिल पाती है। राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीरों को ठेके पर रखने से उनका भविष्य कैसा होगा? राहुल गांधी ने इस योजना को प्रधानमंत्री मोदी की एक प्रयोगशाला बताया।
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “60,000 सैनिक हर साल रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ 3000 को सरकारी नौकरी मिल रही है। 4 साल के ठेके पर हज़ारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा? प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए एक्सपेरिमेंट से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।”
कुछ दिन पहले ही सेना की भर्ती परीक्षा पास कर चुके अर्धसैनिक बलों के अभ्यर्थियों को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने अभ्यार्थियों से जुड़ा हुआ एक वीडियो ट्वीट कर उनका दर्द बयां किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, “अपने ‘मित्रों’ का भविष्य विदेशों तक में सुरक्षित करने वाले प्रधानमंत्री जी ने अपने देश के युवाओं को बेरोज़गार बनने के लिए छोड़ दिया है। इन युवाओं के साथ इतना पक्षपात क्यों?”
बता दें कि बीजेपी के सांसद वरुण गांधी भी अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने अग्निपथ योजना में जाति से संबंधित सवाल को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।”
