मोहाली के एक निजी संस्थान के छह छात्रों को जम्मू कश्मीर में सेना के खिलाफ इश्तहार बांटने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया। सभी छात्र केन्द्र की ‘उड़ान पहल’ गतिविधि के तहत संचालित एक निजी संस्थान के कौशल विकास कार्यक्रम के लिए पंजीकृत थे। हालांकि बाद में छात्रों के लिखित माफीनामे के बाद उन्हें वापस ले लिया गया।
उल्लेखनीय है 10 छात्रों का समूह पंजाब में मोहाली के एक निजी संस्थान में ‘उड़ान पहल’ के तहत सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित प्रशिक्षण ले रहे थे। इस समूह के ज्यादातर छात्र कश्मीरी थे। उड़ान जम्मू कश्मीर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषित विशेष औद्योगिक पहल है। इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) कर रहा है। यह कार्यक्रम जम्मू कश्मीर के आर्थिक समस्याओं से निबटने की समग्र पहल का हिस्सा है।
संस्थान के कौशल विकास कार्यक्रम के प्रमुख नितिन मोंगा ने बताया कि छात्रों ने कथित रूप से सेना के खिलाफ आपत्तिजनक सामाग्री वाले इश्तहार वितरित किये। छात्रों ने अपनी कलाई में काले रंग के पट्टी भी पहने थे, लेकिन संस्थान ने इसके लिए कोई आपत्ति नहीं की। मोंगा ने बताया कि छात्रों को इस प्रकार के पर्चो का वितरण तुरंत बंद करने के लिए कहा गया। छात्रों ने बताया कि वह उत्तरी कश्मीर के कुनन-पोशपोरा गांव में 1991 के दौरान सेना की टुकड़ी द्वारा एक महिला का कथित रूप से बलात्कार किये जाने का विरोध कर रहे थे।