भारतीय सेना के एक अभियान दल ने 1968 में हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुए AN-12 विमान के मलबे से चार सैनिकों के पार्थिव अवशेष बरामद किए हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) का यह विमान 102 सैन्यकर्मियों को लेकर चंडीगढ़ से लेह की उड़ान पर था, जब पांच दशक पहले यह दुर्घटना हुई थी।
लाहौल-स्पीति जिले के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने सोमवार शाम को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सेना के अभियान दल से सैटेलाइट फोन के जरिए इस खोज की जानकारी मिली है। यह दल लाहौल-स्पीति में बटाल के पास CB-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के सुदूर और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था।
चौधरी ने कहा, “सैटेलाइट कम्यूनिकेशन के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चार शवों का पता लगाया गया है। प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर, माना जा रहा है कि ये अवशेष 1968 में भारतीय वायु सेना के एएन-12 विमान से जुड़ी दुर्घटना के हैं।”
केरल के परिवार को मिला अपने बेटे का शव
सेना के डोगरा स्काउट्स के नेतृत्व में पर्वतारोहण दलों द्वारा लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ढाका ग्लेशियर क्षेत्र से बरामद किए गए चार शवों में से एक की पहचान केरल के पथानामथिट्टा जिले के थॉमस चेरियन के रूप में हुई है। चेरियन भारतीय वायुसेना के एएन 12 विमान में सवार 101 लोगों में शामिल थे, जो 7 फरवरी 1968 को रोहतांग के पास पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

उस समय सिर्फ़ 22 साल के चेरियन ओडालिल थॉमस ने पठानमथिट्टा में प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा करने के बाद सेना में क्राफ्ट्समैन के तौर पर काम करना शुरू किया था।
ऐसे हुई शव की पहचान
उनके छोटे भाई थॉमस थॉमस ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “परिवार के लिए यह बहुत लंबा इंतजार रहा है। कल हमें दिल्ली में सैन्य मुख्यालय से चेरियन के शव की बरामदगी के बारे में सूचना मिली। उनका शव लगभग पूरी तरह सुरक्षित था। उनकी वर्दी की जेब में एक आंशिक रूप से जली हुई किताब थी, जिस पर उनका नाम और चेस्ट नंबर लिखा था, जिससे उनकी पहचान करने में मदद मिली। हमें बताया गया कि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कुछ दिनों में शव को केरल वापस भेज दिया जाएगा।”
खबर सुन कर बेहोश हो गए थे पिता
उस दिन को याद करते हुए थॉमस ने कहा कि परिवार को टेलीग्राम मैसेज के जरिये यह खबर मिली थी। उन्होंने कहा, “मेरे पिता बाज़ार में थे जब उन्हें डाकिया से टेलीग्राम मिला कि चेरियन को ले जाने वाला विमान गायब है। वह घर वापस आए और बोल भी नहीं पा रहे थे। सबको यह बात बताने के बाद वह घर पर बेहोश हो गए।“ थॉमस परिवार को चेरियन से उनकी पोस्टिंग की खबर साझा करने वाला एक पत्र मिलने के कुछ दिनों बाद यह त्रासदी हुई थी।
चंडीगढ़ से लेह जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ था एयरफोर्स का विमान
1968 में हुई विमान दुर्घटना भारतीय सैन्य विमानन इतिहास की सबसे दुखद दुर्घटनाओं में से एक है। विमान जो चंडीगढ़ से उड़ा था लेह के रास्ते में था जब खराब मौसम के कारण और लाहौल घाटी के पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सालों से बार-बार सर्च ऑपरेशन के बावजूद कई शव और मलबे ऊंचाई वाले बर्फ से ढके क्षेत्र में खोए रहे।
2018 में मिला था विमान का अवशेष
2018 में, विमान के अवशेष और एक सैनिक के शव को 6,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ढाका ग्लेशियर बेस कैंप में खोजा गया था। अब दुखद दुर्घटना के 56 साल बाद चार सैनिकों के शवों की हाल ही में बरामदगी हुई है। एसपी चौधरी ने कहा कि सेना अभियान दल अब अवशेषों को लोसर बेस पर वापस लाने की प्रक्रिया में है।
वहीं, केरल के एक परिवार का 56 साल से चल रहा इंतजार आखिरकार सोमवार को खत्म हो गया। उनका बेटा 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग की बर्फीली पहाड़ियों में हुए विमान हादसे में लापता हो गया था।
(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)