पचास दिनों में दिल्ली वालों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी परेशानी झेली और अधिक मरीजों को अस्पतालों की जरूरत पड़ी। सरकारी आंकड़े के मुताबिक हर घंटे 51 मरीजों को अस्पताल जाना पड़ा, जबकि 36 मरीजों की अस्पताल से छुट्टी हुई।

यह आकलन 2020 और 2021 में अप्रैल से मई के बीच 50 दिन के सरकारी रिकार्ड से सामने आया है। इस पूरे आकलन में सामने आया है कि 2020 में दिल्ली में केवल 50 दिनों के अंदर 159 ही कोरोना मौत हुई थी, जबकि इस साल 11,552 तक पहुंच गई। दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 61,916 कोरोना मरीज एक अप्रैल से लेकर 20 मई 2021 के बीच अस्पताल में लाए गए थे। इस प्रकार हर दिन करीब 1238 मरीजों को अस्पताल की आवश्यकता पड़ी और दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तर की संख्या भी 6032 से बढ़ाकर 24,424 तक की गई। इस पूरे आकलन में सामने आया है कि 2020 में दिल्ली में केवल 159 ही कोरोना मौत हुई थी। जो इस साल इस समय सीमा में बढ़कर 11,552 तक पहुंच गई। जो बीते साल की तुलना में इन 50 दिन में करीब 7165 फीसद तक अधिक है।

इस दौरान में अस्पतालों से 43,384 मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंचे हैं। इस प्रकार हर दिन 867 मरीजों को हर दिन अस्पताल में छुट्टी मिली है और यह संख्या प्रति घंटे 36 मरीजों की रही है। आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि एक अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल के बीच में 932 कोरोना मरीज भर्ती हुए थे। इसके बाद 13 अप्रैल को 1218 मरीज आने के बाद यह आंकड़ा लगातार 33 दिन तक चार अंकों में ही दर्ज किया गया।

33 दिन बाद यह 16 मई को गिरा जब इन मरीजों की संख्या 952 दर्ज की गई थी। शुरुआत के बीच दिन में अस्पताल से कम ही मरीजों को छुट्टी दी गई थी। 4 अप्रैल को 131 मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी जबकि 13 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 1384 तक अधिकतम दर्ज किया गया। इससे पूर्व यह इससे नीचे ही रहा। अब लगतार दिल्ली में कोरोना के मरीजों के घर वापस जाने की संख्या बढ़ रही है और इस आंकड़े के आधार पर ही दिल्ली सरकार इस लहर में कमी आने के संकेत मान रही है।