2014 के लोकसभा चुनाव में ‘अच्‍छे दिनों’ का वादा कर भाजपा सत्‍ता में आई। चुनाव जीतने के बाद विपक्ष लगातार पूछता रहा है कि ‘अच्‍छे दिन’ कहां आए हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरे हुए हैं। ऐसे में जब पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने आए तो उनसे यही सवाल पूछा गया कि ‘अच्‍छे दिन’ कहां हैं? जवाब में शाह ने बताया कि केसे सरकार ने करोड़ों परिवारों के जीवन में बदलाव लाया है। शाह ने कहा कि पिछले चार वर्षों में कई योजनाओं के जरिए 22 करोड़ लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाया गया है। इसके अलावा देश का आत्म-गौरव बहाल हुआ है और वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति नई ऊंचाइयों पर पहुंची है।

शाह ने कहा कि सरकार ने अपने वादे पूरे करने के लिए बहुत कुछ किया है और अभी भी एक साल बचा हुआ है। उन्‍होंने कहा, ”और इस एक साल में हम, कई गांवों में परेशानियों से मुक्‍ति दिला देंगे…100 प्रतिशत।” उन्होंने कहा, “मोदी देश के सबसे मेहनती और लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। वह दूरदर्शी हैं।” भाजपा नेता यह स्‍वीकार करते रहे हैं कि ‘अच्‍छे दिन’ का नारा पार्टी को 2014 में मिली जीत के बाद डराता रहा है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी यह सवाल पूछा गया था, तब उन्‍होंने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने प्रवासी भारतीयों के सवालों के जवाब में भविष्‍य में अच्‍छे दिनों का वायदा किया था। गडकरी ने कहा था, ”फिर मोदीजी ने कहीं इसे कहा और यह (अच्‍छे दिन) हमारे साथ जुड़ गया। अभी भी, मुझे लगता है कि अच्‍छे दिन का मतलब है कि लोगों की अपेक्षाएं ज्‍यादा हैं।” गडकरी ने कहा था कि अच्‍छे दिन कभी नहीं आएंगे क्‍योंकि लोग हमेशा कुछ न कुछ चाहेगे। उन्‍होंने कहा, ”जिनके पास साइकिल है उन्हें स्‍कूटर चाहिए, स्‍कूटर वालों को कारें चाहिए। यह गलत नहीं है लेकिन अमीर भी असंतुष्‍ट हैं।”

अमित शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के साथ आने से 2019 लोकसभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा और उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर चुन कर आएंगे। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए प्रधानमंत्री मोदी और दूसरे पक्ष के एक अज्ञात चेहरे के बीच मुकाबला होगा।

अमित शाह की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस देखें: