आम आदमी पार्टी (आप) की महाराष्ट्र इकाई में बड़ी दरार पड़ती नजर आ रही है। ‘आप’ के संस्थापक सदस्यों में से एक मारूति भापकर ने सोमवार को पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के ‘‘तानाशाही’’ रवैये की निंदा करते हुए 376 कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी छोड़ दी।

सोमवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में भापकर ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की ओर से शुरू किए गए ‘स्वराज अभियान’ के प्रति निष्ठा जाहिर की। प्रशांत और योगेंद्र को पिछले महीने ‘आप’ से निकाल दिया गया था।

‘आप’ की पश्चिमी महाराष्ट्र इकाई के संयोजक भापकर ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए एक पत्र में कहा, ‘‘मैं इस्तीफा देना चाहता हूं…..और आपके एवं आपकी मंडली के बढ़ते पापों में भागीदार नहीं बनना चाहता।’’

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अभी एक आंदोलन के रूप में चल रहा ‘स्वराज अभियान’ राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकर्ताओं से प्रतिक्रिया लेने के बाद पार्टी का रूप ले सकता है। हमारा मानना है कि हमारे बहुत सारे समर्थक नई पार्टी बनाने के पक्ष में हैं।’’

पत्र में भापकर ने केजरीवाल के कामकाज के आपत्तिजनक तौर-तरीकों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने 28 मार्च को हुई ‘आप’ की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें ‘‘अवैध एवं अनैतिक’’ तरीके से योगेंद्र, प्रशांत, आनंद कुमार और अजित झा को बोलने से रोका गया और रमजान चौधरी के साथ बदसलूकी की गई।

भापकर ने कहा कि ‘स्वराज अभियान’ लोगों की समस्याएं जानने के लिए उनसे मुक्त वार्ता करेगा और ग्राम इकाइयों सहित विभिन्न स्तरों पर प्रदर्शन शुरू करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक ‘आप’ में रहे सैकड़ों कार्यकर्ता महाराष्ट्र में ‘स्वराज अभियान’ को मजबूत करेंगे। इसकी शुरुआत 19 जिलों में बैठकों से होगी।’’

‘आप’ से इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं की सूची भी संवाददाता सम्मेलन में जारी की गई। इसमें 19 जिलों के 32 पार्टी पदाधिकारी और पार्टी के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ रहे पांच सदस्य शामिल हैं।

इससे पहले, भापकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि आने वाले दिनों में और लोग पार्टी छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को इस बारे में जागरूक करेंगे कि ‘आप’ के भीतर लोकतंत्र की हत्या की गई है।’’

भापकर ने कहा, ‘‘योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के हाथ मजबूत करने के लिए अब हम उनके साथ हैं। आप इस तथाकथित नेता अरविंद केजरीवाल की असंवेदनशीलता की कल्पना कर सकते हैं……कि एक किसान उसकी आंखों के सामने दम तोड़ देता है और वह अपना भाषण जारी रखते हैं ।’’

‘आप’ के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य मानव कांबले ने भी भापकर से हाथ मिला लिया है। इस बारे में पूछे जाने पर ‘आप’ की राज्य इकाई ने मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पार्टी की प्रदेश कार्यकारी समिति के सदस्य रवि श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘महज कुछ कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं। इसमें कोई वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता शामिल नहीं है। लिहाजा मैं नहीं समझता कि पार्टी पर इसका कोई असर पड़ेगा।’’

‘आप’ की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुभाष वारे से संपर्क नहीं हो सका। इस बीच, प्रदेश इकाई ने इस बात से इनकार किया है कि कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ी है। इकाई ने कहा, ‘‘खबरें चल रही हैं कि 200 से ज्यादा कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर ‘स्वराज अभियान’ में शामिल होंगे। हमें ऐसे कोई इस्तीफे नहीं मिले हैं।’’