CJI डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट की आबोहवा पहले से बदली दिखती है। कुछ एक फैसलों से भी दिखता है कि सुप्रीम कोर्ट पुराने ढर्रे पर नहीं चल रहा है। देश के अलग-अलग हाईकोर्ट्स में तैनात तीन जस्टिसों ने अपने हाईकोर्ट या फिर उसके नजदीक पोस्टिंग मांगी थी। लेकिन कॉलेजियम ने उनकी मांग को ठुकराकर तीनों को ऐसी जगह भेजा जो उनके पेरेंट हाईकोर्ट से अच्छी खासी दूर है।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज बजाज को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को केरल हाईकोर्ट में पोस्टिंग मिली है तो दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी सेवा दे रहे जस्टिस गौरांग कांथ को कलकत्ता हाईकोर्ट जाना होगा। कॉलेजियम का कहना है कि हाईकोर्ट का कामकाज बेहतरीन तरीके से चले इसके लिए तीनों जजों की पोस्टिंग दूसरी जगहों पर की गई है।
जस्टिस मनोज बजाज ने जताई थी अपने ही हाईकोर्ट में काम करने की इच्छा
खास बात है कि जस्टिस बजाज ने उसी हाईकोर्ट में काम करने की इच्छा जाहिर की थी जहां वो तैनात हैं। जस्टिस सिंह ने उत्तर प्रदेश के बगल की जगहों जैसे दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और मप्र जैसे सूबों में पोस्टिंग मांगी थी। जस्टिस कांथ ने मप्र और राजस्थान के हाईकोर्ट को अपनी पसंदीदा जगहों में शुमार किया था। लेकिन तीनों के मंसूबे धरे के धरे रह गए।
हाईकोर्ट के मामलों से डील करने वाले कॉलेजियम में हैं तीन जस्टिस
कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश करने से पहले संबंधित हाईकोर्ट्स के चीफ जस्टिस से संबंधित जजों के बारे में इनपुट मांगा था। दूसरे तरीकों से भी इन जजों के कामकाज के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। उसके बाद ही कॉलेजियम ने तीन जजों को ट्रांसफर करने की सिफारिश सरकार के पास भेजी। हाईकोर्ट के मामलों से डील करने वाले कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा दो और जस्टिस हैं। इनमें जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को केंद्र के पास भेज दिया है। अब सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद नियुक्ति प्रभावी होंगी।