कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2,426 कंपनियों ने लोगों की बचत के 1.47 लाख करोड़ रुपए बैंकों से ‘लूट’ लिए। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार दोषियों को सजा देने के लिए इसकी जांच कराएगी? राहुल गांधी ने बिना विवरण दिए रविवार (19 जुलाई, 2020) को ट्वीट कर कहा, ‘2,426 कंपनियों ने लोगों की बचत के 1.47 लाख करोड़ रुपए बैंकों से लूट लिए। क्या ये सरकार इस लूट की तहकीकात करके दोषियों को सजा देगी?’
उन्होंने कहा, ‘या इन्हें भी नीरव और ललित मोदी जैसे फरार होने देगी?’ गांधी का हमला उन मीडिया रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने 2,426 ऐसे खातों की सूची जारी की है जो ‘जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने’ वाली श्रेणी में हैं और इनमें बैंकों का 1,47,350 करोड़ रुपए बकाया है।
कांग्रेस नेता के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर यूजर अजीत पांडे Ajitpan81693849 ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी की कोई बात अब भरोसा करने लायक नहीं। रफेल पर कोर्ट में कान पकड़कर माफी मांग चुके हैं क्या भरोसे लायक हैं।’ मनोज अग्रवाल @manoj_indore लिखते हैं, ‘2426 कंपनियां जो विलफुल डिफॉल्टर हैं, यह सब कंपनियां 2014 के पहले से अस्तित्व में हैं और 2014 के पहले इनको बैंकों ने लोन दिए गए थे, इनमें से कई कंपनी सिर्फ पेपर पर ही थीं, इनका कोई फिजिकल अस्तित्व था ही नहीं, शुरू से इनका मकसद सिर्फ पैसा बनना था और इसके लिए बैंक खुद दोषी है।’
2426 कम्पनियों ने लोगों की बचत के 1.47 लाख करोड़ रुपये बैंकों से लूट लिए।
क्या ये सरकार इस लूट की तहक़ीक़ात करके दोषियों को सज़ा देगी?
या इन्हें भी नीरव और ललित मोदी जैसे फ़रार होने देगी?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2020
इसी तरह प्रणव गुप्ता @pranav1967 लिखते हैं, ‘2426 की गिनती बड़ी मजेदार है। इतनी सटीक गणना कर ली आपने। वैसे जिन कंपनियों ने भी लोगों की बचत के पैसे हड़पे थे वो उनके हलक में हाथ डालकर निकाल लिए गए हैं और अभी भी निकाले जा रहे हैं। जनता की कमाई का लूटा गया 36 लाख करोड़ रुपए आपसे निकालना शेष है।’ जयंत देशमुख @JayantD99305326 लिखते हैं, ‘पर ये लोन लिए कब गए थे भाई? और किस तरह से दिए गए थे?’