2013 को पटना में हुई भाजपा की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट मामले में पटना की NIA कोर्ट ने 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। दोषी करार दिए गए लोगों पर कोर्ट 1 नवंबर को सजा सुनाएगी। इस मामले में 6 अक्टूबर 2021 को अंतिम बहस की सुनवाई पूरी हुई थी।

बता दें कि जिस वक्त यह धमाके हुए थे, उस दौरान नरेंद्र मोदी गांधी मैदान में अपनी रैली को संबोधित कर रहे थे। मोदी उस वक्त एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। उस दौरान गांधी मैदान के अलावा पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 के पास स्थित सुलभ शौचालय में भी एक धमाका हुआ था। बता दें कि सिलसिलेवार हुए इस धमाके में कुल 6 लोगों की जान गई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस घटना के ठीक 8 साल बाद NIA की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।

इन धमाकों की जांच के दौरान NIA ने बिहार और झारखंड के कई इलाकों में छापेमारी की थी। जिसके बाद इसमें आतंकी संगठन से जुड़े कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें 1 नाबालिग भी शामिल था।

गिरफ्तार किए गये लोगों में हैदर अली, मुजीबुल्लाह, अंसारी नुमान, अंसारी उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, फखरुद्दीन, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम शामिल हैं।

बता दें कि गांधी मैदान में जिस वक्त यह धमाके हुए, उस दौरान पुलिस ने इसे छोटा विस्फोट बताया था लेकिन सच यह था कि धमाके में एक आतंकी का शरीर ही उड़ गया था। बताया जाता है कि मानव बम का इस्तेमाल पीएम उम्मीदवार रहे वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के वाहन को उड़ाने के लिए किया गया था। लेकिन गलती से वह पटना जंक्शन के शौचालय में फट गया। इस धमाके में गांधी मैदान व पटना रेल थाने में मामला दर्ज किया गया था। बाद में इस केस को एनआइए को सौंपा गया था।