कोरोना महामारी के प्रकोप से उभर रहे 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रिकॉर्ड आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इन राज्यों ने कोरोना से पहले की विकास दर को प्राप्त कर लिया है। हालांकि, गुजरात और महाराष्ट्र सहित 11 राज्यों की विकास दर का डाटा उपलब्ध नहीं है।

वहीं, 2020-21 की विश्लेषण के मुताबिक, इस दौरान वृद्धि दर में कोई इजाफा दर्ज नहीं किया गया था। 2020 में कोरोना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने की वजह से अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा था। 2021-22 में अर्थव्यवस्था में फिर से सुधार हुआ है और कोरोना काल से पहले 2019-20 से पहले की विकास दर को प्राप्त कर लिया है।

इन 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, दिल्ली , ओडिशा, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, झारखंड, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड और पुडुचेरी शामिल हैं।

इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से आंध्र प्रदेश की विकास दर में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि पुडुचेरी में सबसे कम (3.31 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, आंध्र की विकास दर में 11.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। इसके अलावा, 5 अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में दोहरे अंकों की वृद्धि दर दर्ज की गई। इनमें राजस्थान (11.04 फीसदी), बिहार (10.98 फीसदी), तेलंगाना (10.88), दिल्ली (10.23 फीसदी), ओडिशा (10.19 फीसदी) और मध्य प्रदेश (10.12 फीसदी) शामिल हैं। पिछले वित्त वर्ष में हरियाणा (9.80 फीसदी) और कर्नाटक (9.47 फीसदी) की विकास दर दोहरे अंकों के करीब थी।

त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, झारखंड, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, केरल, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्थाओं में 2021-22 के दौरान 4.24 प्रतिशत से 8.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इनमें उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर सबसे कम 4.24 प्रतिशत रही।

वहीं, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा , गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और चंडीगढ़ के लिए 2021-22 के जीएसडीपी के आंकड़े के लिए उपलब्ध नहीं हैं।