भारत और चीन के बीच उपजे विवाद से कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला अमेरिकी वाहन कंपनी जनरल मोटर्स से जुड़ा है। जनरल मोटर्स क्रिसमस से एक दिन पहले भारत में मौजूद अपने अंतिम कारखाने को भी बंद कर देगा।
दरअसल, अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स ने अपने भारत में मौजूद प्लांट को बेचने के लिए चीन की बड़ी ऑटो कंपनी ग्रेट वाल मोटर्स के साथ करार किया था। कंपनी को अनुमान था कि यह डील इसी साल हो जाएगी. लेकिन सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। इससे जनरल मोटर्स को काफी नुकसान हो रहा था। 1966 में शुरू हुई महाराष्ट्र स्थित तालेगांव स्थित फैक्ट्री के बंद होने के बाद करीब 1800 से ज्यादा कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। पर जनरल मोटर्स ने अपने बयान में कहा कि वह वर्तमान में मौजूद अपने सभी कर्मचारियों के प्रति जवाबदेह है और सभी को 25 जनवरी तक का भुगतान करेगा।
अमेरिकी कंपनी ने असल में 2017 से ही अपने प्लांट में बिक्री के लिए प्रोडक्शन को बंद कर दिया था लेकिन निर्यात के लिए प्रोडक्शन जारी रखा था। कोरोना के दौरान अप्रैल महीने में भारत ने चीन सहित कई पड़ोसी देशों से आने वाले निवेश के लिए कड़े नियम बनाये थे। इससे जनरल मोटर्स को महाराष्ट्र सरकार के बजाय केंद्र सरकार से भी परमिशन की जरुरत थी। पर जून में हुए चीन और भारत के सैनिकों के हिंसक झड़प के बीच केंद्र सरकार ने चीन पर कई व्यापारिक प्रतिबंध भी लगा दिए थे और महाराष्ट्र में चीनी कंपनियों के तीन निवेश पर भी रोक लगा दिए थे, जिसमें जनरल मोटर्स वाली डील भी शामिल थी।
मोटर्स के साथ करार करने वाली चीनी कंपनी ग्रेट वाल मोटर्स ने भारत में 1 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनायी है। इससे करीब 3000 लोगों को रोजगार भी मिल सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद कंपनी भारत में निवेश और प्लांट को शुरू कर सकती है।