Lok Sabha Chunav Result: नरेंद्र मोदी कल तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। 17वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया है। इसके भंग होने के साथ ही लड़कों और लड़कियों की शादी की उम्र में बराबरी लाने के लिए सदन में पेश किया गया विधेयक लेप्स हो गया है। बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को साल 2021 में लोकसभा में लाया गया था। इसे शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी कमेटी के पास भेजा गया था। स्थायी समिति ने इसे कई बार विस्तार भी दिया गया था।

कानून और संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए पूर्व लोकसभा महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने कहा कि 17वीं लोकसभा के भंग हो जाने के बाद यह विधेयक भी खत्म हो गया। इस विधेयक का मकसद महिलाओं की न्यूनतम उम्र को बढ़ाकर 21 साल करने के साथ बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन करना है। अगर यह विधेयक कानून का रूप ले लेता तो काफी कुछ बदलाव होता।

असदुद्दीन ओवैसी ने किया था विरोध

2006 अधिनियम के तहत न्यूनतम आयु (20 साल से कम) से कम में शादी करने वाला व्यक्ति व्यस्क होने के दो साल बाद (23 साल की उम्र) शादी को रद्द करने के लिए आवेदन कर सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में 18वीं लोकसभा के सांसद चुने जा चुके हैं। इसी के बाद 17वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार के बिल का विरोध किया था।

एआईएमआईएम चीफ ने कहा था कि 19 साल की लड़की और लड़का प्रधानमंत्री को चुन सकता है और सांसदो को चुन सकता है। बिजनेस भी शुरू कर सकता है और लिव इन रिलेशनशिप में भी रह सकते हैं। लेकिन अपने जीवन साथी का चुनाव नहीं कर सकते हैं। यह बात कुछ समझ से परे है।

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा था कि हम सब तो यही सुनते आए हैं कि कोई मरता है तो कहते हैं कि तुरंत उसका अंतिम संस्कार कर देना चाहिए। इसी तरह बेटी जैसे ही बड़ी होती है तो उसकी शादी करवा देनी चाहिए। लेकिन अब 18 साल की उम्र में भी लड़की को विवाह करने की इजाजत नहीं है। इसका मतलब तो यही है कि वह कुछ भी समझने में असमर्थ है। लेकिन वह केवल 21 साल की उम्र में ही परिपक्व होगी।

एनडीए को मिला बहुमत

लोकसभा इलेक्शन 2024 के नतीजे मंगलवार को जारी कर दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला एनडीए अलांयस बहुमत के साथ एक बार फिर से सरकार का गठन करने जा रहे हैं। एनडीए को लोकसभा चुनाव में 293 सीटें मिली हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिल गई हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 99 सीटें जीती हैं।