दिल्ली में चौबीस घंटे में कोरोना विषाणु संक्रमण के मामलों में लगभग नौ फीसद की वृद्धि दर्ज की गई और 1,490 मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महामारी से दो और मरीजों की मौत हो गई। विभाग के मुताबिक बुधवार के मुकाबले गुरुवार को संक्रमण दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह बुधवार के 4.50 फीसद के मुकाबले गुरुवार को 4.62 फीसद दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी में लगातार सातवें दिन संक्रमण के एक हजार से ज्यादा दैनिक मामले सामने आए। बुलेटिन के अनुसार कुल मामले बढ़कर 18,79,948 हो गए और मृतकों की संख्या 26,172 पर पहुंच गई। बुधवार को शहर में 32,248 नमूनों की जांच की गई।
दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ आक्सीजन के सहारे की जरूरत वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। गुरुवार को कोरोना के कुल मरीजों में 151 मरीज अस्पतालों में अभी भी भर्ती हैं जिनमें से 44 मरीजों को आक्सीजन के सहारे इलाज दिया जा रहा है। इनमें से दो मरीजों को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। इसी के साथ दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या भी बढ़ी है। पिछले हफ्ते करीब साढ़े छह सौ थे। इसी तरह हेल्प लाइन पर काल करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।
‘लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे
राजधानी में कोरोना विषाणु संक्रमण के मामलों में आए उछाल के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन गनीमत है कि लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर कम है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे टीकाकरण और प्राकृतिक रूप से हासिल रोग प्रतिरोधक क्षमता जिम्मेदार है।
जैन ने कहा कि हमारी आबादी ने पूरी तरह से टीके की खुराक ले ली है और बड़ी संख्या में लोग पहले संक्रमित हो चुके हैं। बच्चों में कोरोना के मामलों को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि कई सीरो सर्वे से यह पता चलता है कि बच्चों और वयस्कों में संक्रमण दर भले लगभग समान है लेकिन बच्चों में बीमारी की गंभीरता बहुत कम है।