महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की। गौरतलब है कि राज ठाकरे 14 साल बाद दिल्ली आए हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा की। ऐसी चर्चाएं थी कि हालिया लोकसभा चुनावों में मनसे महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल होना चाहती थी, लेकिन बात नहीं बन पायी। इस साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज ठाकरे और सोनिया गांधी की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राज ठाकरे ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अन्य प्रमुख चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से कराने की मांग की। हालांकि मीटिंग के बाद राज ठाकरे ने कहा कि उन्हें इस मुलाकात से कोई उम्मीद नहीं है। राज ठाकरे ने कहा कि चूंकि चुनाव अधिकारियों के हावभाव से लग रहा था कि वह इस गंभीर मुद्दे में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसलिए मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है। ठाकरे ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम की यूएस मैन्यूफैक्चर चिप को हैक किया जा सकता है!
राज ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान 370 सीटों पर काफी धांधली देखने को मिली और इन सीटों पर जितने वोट डाले गए उनसे ज्यादा वोटों की गिनती हुई। मनसे चीफ ने कहा कि ईवीएम पर बीते 20 सालों से सवाल उठाए जा रहे हैं। 2014 तक भाजपा भी ईवीएम के खिलाफ थी, लेकिन 2014 के चुनाव के बाद अचानक से उसने इस बारे में बात करना बंद कर दिया है। बैलेट पेपर से चुनाव प्रक्रिया में देरी के सवाल पर राज ठाकरे ने कहा कि चुनावों में 2 महीने का समय लगता है। ऐसे में यदि इसमें कुछ दिन का और समय लग जाएगा तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।