हरियाणा की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले रोहतक में मौत का सन्नाटा पसरा है। यहां के एक गांव में 10 दिन के दौरान 40 मौतों से हड़कंप मच गया है। 1 दिन में ही 11 चिताएं जलने के बाद तो मानो लोगों की सांसें तक रुक गई हैं। टीवी रिपोर्ट के अनुसार- गांव के लोग घर से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं। एक के बाद एक करके हो रही मौतों से हड़कंप मचा है।
उधर, अपनी पीठ थपथपाने में जुटी हरियाणा की खट्टर सरकार को ये नहीं सूझ रहा है कि वो करे तो क्या। गांव और इसके आसपास के इलाकों में टेस्टिंग की जा रही है तो हर चौथा मरीज संक्रमित निकल रहा है। प्रशासन का कहना है कि इलाके में सेनीटाइजेशन करने के साथ इसे कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। गांव के बाहर बेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
एक ग्रामीण का कहना है कि गांव के लोगों की मौत सांस रुकने से हो रही है। जिस दिन 11 चिताएं एक साथ जलीं उस दिन के बाद से गांव में सन्नाटा छा गया है। उसका कहना है कि कोरोना की वजह से गांव में लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। गांव में कोरोना को कहर किस कदर तारी है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि तकरीबन 300 टेस्टिंग करने के बाद 70 से ज्यादा लोग पॉजिटिव निकले।
सरकार के इस खबर ने होश उड़ा दिए हैं। इसी वजह से गांव को पूरी तरह से किले में तब्दील करके पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि सबसे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि कहीं आसपास के गांवों के लोग भी संक्रमित न हो जाएं। इसी वजह से आवाजाही बंद करा दी गई है।
यूपी के मेरठ में स्थित एक गांव में पंचायती चुनाव ने कहर बरपा दिया है। गांव में 40 टेस्ट किए गए, जिसमें 21 पॉजिटिव निकले। इकड़ी गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव में जोरदार कैंपेनिंग की थी। अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। जिप सदस्य का कहना है कि योगी सरकार टेस्टिंग ही नहीं कर पा रही है। उनके पास किट ही नहीं है।
रोहतक के टिटौली गांव में कोरोना का कहर, 10 दिन में कोरोना से 40 लोगों की मौत #Shankhnaad #Covid19 @aajtakjitendra pic.twitter.com/QHQj29hnCE
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मेरठ मे भी पंचायत चुनाव के बाद कोरोना ने पैर पसारा, 6 लोगों की मौत और दर्जनों संक्रमित#COVID19 pic.twitter.com/XrDupIGhcK
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गौरतलब है कि यूपी में पंचायत चुनाव के बाद गांवों में लगातार मौतें हो रही हैं। सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। न तो वो लोगों को मजमा जमाने से रोक सकी और न ही संक्रमण की रफ्तार को। लोगों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा है।