अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है और इस दौरान जगह-जगह पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं हैं। कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में रेलवे को 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। इन सबके बीच, मोदी सरकार ने तीन दिनों के भीतर तीसरा संशोधन किया है। शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया कि अग्निवीरों को मिनिस्ट्री की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी गई है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि मंत्रालय की भर्तियों में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी दे दी है। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अग्निवीरों को इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ-साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा। साथ ही यह भी बताया गया कि रक्षा मंत्री की मंजूरी के बाद जरूरी संशोधन किए जाएंगे, जिसके बाद ये फैसला लागू हो जाएगा।
सरकार ने छात्रों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए तीन दिनों के भीतर तीन संशोधन किए हैं। इसके पहले, अग्निवीर भर्ती की ऊपरी आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने का ऐलान किया गया था। वहीं, गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 10% सीटों को आरक्षित करने का ऐलान किया है।
दूसरी तरफ, सरकार के ऐलान के बावजूद, इस स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी भी लगातार इस स्कीम को लेकर मोदी सरकार और भाजपा पर निशाना साध रही है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा, “यह सरकार इस देश के नौजवानों के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है। अग्निपथ योजना देश के युवाओं को अग्नि में झोंकने वाली योजना है। ये कोना-कोना…कौन कोना… खेलना बंद करें। बिना लाग-लपेट के इसे वापस लें।”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह सरकार संघ की मानसिकता को सेना में घुसाना चाहती है। क्या कारण है कि चार में एक को आप रखेंगे और तीन को आप चलता करेंगे?”
