Tips to reduce hairfall: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। ये चेंजेज इमोशनल, मेंटल और फिजिकल तीनों ही तरह के होते हैं। शारीरिक बदलावों की अगर बात की जाए तो प्रेग्नेंसी में महिलाओं के बॉडी का शेप प्रभावित होती है। इसके अलावा, कई फीमेल्स को त्वचा और बाल संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हेयर फॉल की समस्या से निजात पाने के लिए कई महिलाएं महंगे शैम्पू का इस्तेमाल करती हैं लेकिन उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में आइए जानते हैं ‘ओनली माय हेल्थ’ में छपी इस खबर के जरिए कि बालों को मजबूत बनाने के लिए किन आसान टिप्स को कर सकते हैं यूज।
प्रेग्नेंसी में बालों में किस तरह के आते हैं बदलाव: वैसे तो गर्भावस्था के समय में महिलाओं के बाल ज्यादा मजबूत और चमकदार होते हैं। इसके पीछे महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार हैं। शरीर में एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ने से बाल ज्यादा शाईन करते हैं, साथ ही साथ ब्लड की मात्रा बढ़ने से भी बाल अच्छे होते हैं। हार्मोंस के वजह से बालों की लंबाई बढ़ती है, साथ ही ये घने भी होते हैं। लेकिन कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बालों की समस्या से भी जूझना पड़ता है। हार्मोनल बदलाव के वजह से कई बार महिलाओं के स्ट्रेट बाल घुंघराले और घुंघराले बाल सीधे हो जाते हैं। इसके अलावा, ऐसे समय में बालों में एक प्रोटीन की कमी हो जाती है जिस वजह से बाल कमजोर हो जाते हैं और महिलाओं को हेयरफॉल होने लगता है।
कैसे करें बालों की देखभाल: आमतौर पर गर्भवती महिलाएं जिन शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करती हैं उनमें फ्रेग्रेंस, प्रीजर्वेटिव्स और पाराबेंस मिले होते हैं। दरअसल जड़ों में जाने से इनमें मौजूद तत्व शरीर में चले जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो प्रेग्नेंसी में ऐसे हेयर प्रोडक्ट्स के उपयोग से परहेज करना चाहिए जिनमें हार्श क्लीनजर, ऑयल और सैलिसिलिक एसिड हो। अगर आप किसी भी तरह के शैम्पू और कंडीशनर का यूज करते हैं या उनमें कोई बदलाव करते हैं तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेटनिंग या परमिटिंग ट्रीटमेंट न करवाएं, इनमें फॉर्मल्डिहाइड होता है जिसे गर्भावस्था के दौरान अनसेफ माना जाता है।
प्रेग्नेंसी में हेयर कलरिंग कितना है सुरक्षित: पाराफिनाइलीनडायामाइन (Paraphenylenediamine) नाम का तत्व प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ही परेशानी खड़ा कर सकता है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु को कैंसर का खतरा भी होता है। खबर के अनुसार, किसी भी हेयर कलर में ये तत्व मौजूद नहीं होता जिस वजह से इसका इस्तेमाल प्रेग्नेंसी के दौरान किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप सेफ प्रोडक्ट भी यूज कर रहे हैं फिर भी ये सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि डाई आपके स्किन के लिए सही है या नहीं। अगर आप चाहें तो नैचुरल हेन्ना बेस्ड मेहंदी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।