उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सियासी हलचल भी तेज हो गई है। बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रचार कर रहे हैं। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा था, ‘दोहरे चरित्र और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले विपक्ष के बहकावे में मत आइएगा। ये लोग चुपचाप वैक्सीन ले लेते हैं और कहते हैं कि हमने वैक्सीन नहीं ली। जनता से अपील है कि सभी पात्र लोग वैक्सीन अवश्य लें, किसी के बहकावे में न आएं।’ इस बीच योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।

इसमें योगी ने ईद नहीं मनाने को लेकर सवाल पूछा गया था। वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में योगी से सवाल पूछा गया था, ‘आपने होली मनाई और आपने दिवाली भी मनाई। लेकिन जब आपसे पूछा गया कि आप ईद भी मनाएंगे तो आपने मना कर दिया। क्या हम ये मान लें कि आप हिंदुओं के नेता हैं?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘देखिये, मैं मुख्यमंत्री तो 22 करोड़ प्रदेश की जनता का हूं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत आस्था भी है। मेरी व्यक्तिगत आस्था ये है कि मैं ये पाखंड नहीं कर सकता कि घर में हनुमान चालीसा करूं और बाहर जाकर टोपी लगाकर दूसरा प्रदर्शन करूं।’

योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘मेरा स्वभाव ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरी आस्था जो है मैं उसका पालन कर रहा हूं। मुझे हिंदू होने पर गर्व की अनुभूति भी होती है। मैं अन्य लोगों की तरह बिल्कुल जनता को गुमराह नहीं कर सकता हूं। हिंदू होना अपने आप में सेक्युलरिज्म की गारंटी होती है। सिर्फ ऐसी चीजें करके ही खुद को सेक्युलर साबित नहीं किया जा सकता है। जहां तक ईद की मुबारकबाद देने की बात है तो मैंने खुद इसकी बधाई दी है। अखिलेश यादव जी अगर अखबार पढ़ रहे होते तो उन्हें पता होता कि मैंने ईद की मुबारकबाद दी है या नहीं।’

मुस्लिम समुदाय आपके नाम से भयभीत होता है? योगी आदित्यनाथ ने इसके जवाब में कहा था, ‘अपराधियों को बिल्कुल मेरे नाम से डरना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ठीक होगा तो वो मेरे नाम से बिल्कुल नहीं डरेगा। अगर कोई गलत होगा तो उसे मेरे नाम से बिल्कुल डरना भी चाहिए। ऐसा सिर्फ अपराधियों के साथ ही होता है। यदि आप किसी विशेष समुदाय में डर की भावना की बात कर रहे हैं तो ये आपको उन्हीं से पूछना चाहिए।’