उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव से पहले एक्शन मोड में नज़र आ रहे हैं। उन्होंने डेंगू की जांच के नाम पर मनमानी कीमत वसूलने पर नाराज़गी जाहिर की थी। योगी ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल जांच दरों की समीक्षा कर आदेश जारी करने के लिए कहा था। दूसरी तरफ, 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है। इसे योगी सरकार ने अबतक का सबसे शानदार एक्सप्रेस-वे बताया है। हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे उनकी सरकार का प्रोजेक्ट बताया है।
सियासी घमासान के बीच योगी आदित्यनाथ का एक पुराना वायरल हो रहा है। इसमें उनसे आगे की राजनीति के बारे में सवाल किया जाता है। सीएम योगी से पूछा गया था, ‘जिस तरह आप चुनाव प्रचार करते हैं और जाहिर है कि आपकी फैन फॉलोइंग भी अच्छी है। क्या आपके दायरे में और आपकी राजनीति में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘ऐसा क्यों नहीं है? शाहनवाज हुसैन मेरे सबसे अच्छे मित्र हैं। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को जब अटल जी ने राष्ट्रपति के लिए खड़ा किया था तो सबसे पहला सांसद था जिसने समर्थन किया था।’
सीएम योगी आगे कहते हैं, ‘भारत का मुसलमान अब्दुल कलाम बने और शाहनवाज हुसैन बने, पहला व्यक्ति रहूंगा जो समर्थन करेगा। लेकिन यहां पर कोई ओसामा बिन लादेन और औरंगजेब जैसे दुर्दांत लोगों को अपना आइकॉन मानकर भारत के अंदर पाकिस्तान का झंडा फहराएगा तो उनके विषैले फनों को कुचलने के लिए भी सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ही आगे आएगा। क्योंकि ये किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है कि भारत में रहने के बाद आप पाकिस्तान का नाम जपेंगे और यहां कोई कुछ नहीं कहेगा।’
पाकिस्तान की जीत पर जश्न: टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की हार पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘मैच होते हैं, हार जीत होती है किसी भी देश में। लेकिन दुश्मन देश के प्रति समर्थन व्यक्त करोगे तो उसी कठोरता के साथ कुचल दिए जाओगे, जिसके हकदार बनोगे। हम अराजकता फैलाने की छूट किसी को भी नहीं देंगे। भारत में रहकर, भारत की धरती का अन्न खाकर और पाकिस्तान के गुण गाओगे तो फिर उसी लायक बना देंगे, जिस लायक भारतीय सेना उन लोगों को बनाती है।’
खुले में नमाज़ पढ़ने से क्यों रोका? जब योगी आदित्यनाथ से खुले में नमाज़ पढ़ने से रोकने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि इसके लिए मस्जिद है और वहां पर ही नमाज़ पढ़ी जानी चाहिए। अगर हिंदू भी सड़कों पर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगेगा तो क्या हम उसे रोक देंगे? सार्वजनिक स्थान पर कोई धार्मिक काम नहीं होना चाहिए और इसका सख्ती के साथ पालन किया जाना चाहिए।