उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए योगी आदित्यनाथ प्रचार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले लखनऊ में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था, ‘केंद्र में अगर साल 2024 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है तो 2022 में एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाना होगा।’ दूसरी तरफ, योगी आदित्यनाथ के समर्थक उन्हें देश के प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे हैं। यही वजह है कि वरिष्ठ पत्रकार श्वेता सिंह ने एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से ये सवाल भी पूछा था।
श्वेता सिंह ने सवाल किया था, ‘मैंने गिनने की शुरुआत की थी तो गिनते-गिनते थक गई। लखनऊ या उत्तर प्रदेश में तो आपके पोस्ट लगे ही हुए हैं। लेकिन दिल्ली भी आपको पोस्ट लगे हुए हैं। अब सवाल है कि कहीं 2022 के बाद सीएम योगी, पीएम योगी तो नहीं बनने जा रहे हैं?’ इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने कहा था, ‘देखिये, मैं जहां हूं वहीं पर कार्य करूंगा। अगर आप किसी दूसरे साधन से आई हैं तो मैं नहीं कह सकता हूं, लेकिन यदि आप यहां से चलेंगे तो मेरे पोस्टर लखनऊ के अलावा हर जगह लगे हुए हैं।’
योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘अगर लगे भी होंगे तो ये कोई बहस का विषय नहीं होता है। दिल्ली में ही नहीं ये मुंबई एयरपोर्ट पर भी लगे होंगे। सरकार अपनी बात को जनता तक पहुंचाती है और ये पोस्टर उसका एक माध्यम होते हैं। कोलकाता एयरपोर्ट पर भी मेरे पोस्टर लगे होंगे तो ये बात कहकर तो आप ममता दीदी को भी परेशान कर रही हैं। जो भी कार्य पार्टी द्वारा मुझे दिया गया है, मैं बस उसे ही करने में विश्वास रखता हूं।’
सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति क्यों? योगी से उनकी राजनीति को लेकर भी सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘हिंदू होने खुद में सेक्युलरिज़्म की गारंटी है। ये बात अगर आप पाकिस्तान या बांग्लादेश में जाकर कहते तो बहुत अच्छा लगता। वहां अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है, ये भी एक बार देखना चाहिए। आपने ये सवाल भारत में बैठकर पूछा है इसलिए आपके जवाब भी मिला है, लेकिन पड़ोसी मुल्क जाते तो आपको सेक्युलरिज़्म का असल मतलब पता लगता।’
