उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार अभियान तेज कर दिया है। सीएम योगी ने रविवार को इतिहास की एक और घटना का जिक्र किया है। अखिलेश के जिन्ना वाले बयान के बाद योगी आदित्यनाथ ने चंद्रगुप्त मौर्य का मुद्दा छेड़ दिया है। इसके बहाने सीएम योगी ने असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास चंद्रगुप्त मौर्या को महान नहीं मानता है।
यूपी में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री योगी का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें योगी से उनकी राजनीति के बारे में सवाल पूछा गया था, ‘विरोधी आरोप लगाते हैं कि आप सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करते हैं, आपने विधानसभा में कहा कि मैं ईद नहीं मनाता। आप सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति क्यों करते हैं?’ इसके जवाब में योगी ने कहा था, ‘मेरी आस्था मेरे साथ है। मैं जबरन पाखंड क्यों करूं? जहां मेरी आस्था होगी मैं वही तो करूंगा। मैं उन लोगों में नहीं हूं जो चोरी-छिपे टीका लगाते हों, चोटी रखते हों और फिर सम्मेलन में जाकर गोल टोपी लगाकर लोगों को घुमाने का काम करते हों।’
योगी का जवाब: योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा था, ‘मैं टीका लगाऊंगा तो सिर्फ टीका ही लगाऊंगा। रक्षा सूत्र बांधूंगा तो रक्षा सूत्र ही बांधूंगा। मेरी राजनीति साफ है कि अगर मैं गोल टोपी नहीं लगाऊंगा तो नहीं लगाऊंगा। मुझे जो करना है, वही करूंगा। मेरी आस्था अगर राम में है तो मैं मंदिर ही जाऊंगा। मेरा मानना है कि आपको किसी दूसरे को भ्रम में नहीं रखना चाहिए। मेरा ये मानना है कि आप भी अपनी आस्था का पालन करें, लेकिन दूसरे की आस्था का भी सम्मान करें। अब इससे भी विरोधी दलों को परेशानी है तो मैं क्या कर सकता हूं।’
राजनीति से लेना चाहिए संन्यास? ‘इंडिया टीवी’ के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी से सवाल पूछा गया था कि आपकी और ओवैसी साहब की राजनीति दोनों तरफ भड़काने वाली है। अगर आप और ओवैसी साहब राजनीति से संन्यास ले लें तो बहुत भला होगा। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘आपने बहुत अच्छी बात कही है, लेकिन ये बात आपको कश्मीर जाकर कहनी चाहिए। मैं चाहता हूं आप उपदेशक बनकर वहां जाएं। अगर आप तैयार हैं तो हम लोग भी आपको कश्मीर भेजने के लिए तैयारी हैं।’