आजकल असमय ही लोगों के बाल सफ़ेद हो रहे हैं और बालों का झड़ना एक आम समस्या बन चुकी है। ऐसे में लोगों को तमाम हेयरस्टाइल्स रखने के अलावा बालों की सेहत पर भी खास ध्यान देना होता है। बाल झड़ना आजकल एक आम समस्या है। हर कोई इससे परेशान है। बाजार में ऐसे तमाम प्रोडक्ट्स मौजूद हैं जो बाल झड़ने से रोकने का दावा करते हैं लेकिन इससे समस्या में कोई कमी नहीं आती।
बाबा रामदेव के मुताबिक ऐसे में प्राकृतिक उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। योग गुरु स्वामी रामदेव बताते हैं कि योग में बालों के झड़ने की समस्या का समाधान है। आज हम आपको बाबा रामदेव के सुझाये गए ऐसे तीन आसनों के बारे में बताएंगे जो बालों को मजबूत बनाने तथा उनका झड़ना रोकने में मददगार होते हैं।
सर्वांगासन: सुबह खाली पेट यह आसन करने से कंधे, गर्दन और पाचन तंत्र की सेहत दुरुस्त रहती है। तनाव खत्म करने वाला यह आसन बालों की मजबूती में भी मददगार है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने हाथ और पैर सीधा कर जमीन पर लेट जाएं और गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों पैरों को सीधे ऊपर की ओर उठाएं।
अपने हिप्स को ऊपर उठाते हुए पैरों को सीधा करें और बाद में सिर की ओर 45 डिग्री का कोण बनाने की कोशिश करें। सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें। इस स्थिति में अंगूठे शरीर के अगले हिस्से और बाकी उंगलियां पीठ पर होनी चाहिए। पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इस आसन के दौरान मन को बिल्कुल शांत रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पहले की स्थिति में लौट आएं।
पवनमुक्तासन: शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित करने वाला यह योग बालों को झड़ने से रोकने में बेहद असरदार है। इस आसन को करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जाएं। किसी भी एक पैर को घुटने से मोड़ लें। दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। अब सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर जमीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वांस रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पहले की तरह रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें।
वज्रासन: बालों के झड़ने की समस्या से बचने के लिए वज्रासन सबसे लाभकारी आसन है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठें कि नितंब दोनों एड़ियों के बीच में आ जाएं। दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एड़ियों में अंतर भी बना रहे। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। शरीर को सीधा रखें तथा हाथों और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर अपना ध्यान सांसों पर केंद्रित रखें।