कंधे और कमर में अकड़न की समस्या काफी आम है। आजकल 9-5 की जॉब में आप अधिकतर समय एक जगह बैठ कर बिताते हैं। यह कंधे और कमर में अकड़न होने का एक प्रमुख कारण है। पूरा दिन अपने कम्प्यूटर पर लगातार नजरें गड़ाएं रखने और एक ही पोजिशन में बैठे रहने से आपकी गर्दन, कमर और कंधे की मांसपेशियां थक जाती है और बोझिल हो जाती है। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। योगासन बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं में लाभदायक होते हैं और स्वस्थ रहने का यह काफी आसान तरीका है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको निम्न योगासन करने चाहिए जिनकी मदद से आप कंधे और कमर की जकड़न से छुटकारा पा सकते हैं।

ऊर्ध्व मुख श्वानासन:
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले अपने पेट के बल लेट जाएं और अपना सिर नीचे की तरफ रखें। अपने पैरों को थोड़ा दूरी पर रखें। अपने हाथों को अपनी निचली पसलियों के सामने फर्श पर रखें। हाथों को फर्श पर दबाते हुए गहरी सांस लें। अब अपने हाथों पर शरीर के अगले भागों का वजन रखें और अपने सिर को ऊपर की ओर उठाएं। अपने हाथों को उतना ही स्ट्रेच करें जितना कि आपका शरीर कर पाएं। इस दौरान गहरी सांस लेते और छोड़ते रहें। इस आसन में 30 सेकेंड के लिए रहें। सांस छोड़ते वक्त सिर को नीचे की ओर ले आएं और फिर से इस योगासन को दोहराएं।

गरुड़ासन:
इस आसन को करने के लिए सहज होकर आसन पर या फर्श पर बैठ जाएं। अब अपनी दोनों आर्म्स को अपने चेहरे के सामने सीधा रखें। इसके बाद अपनी लेफ्ट आर्म को राइट आर्म के नीचे लाएं। अब अपनी कोहनियों को मोड़े और अपनी दोनों बा जुओं और हाथों को आपस में लपेटें। दोनों हाथों को लपेटने के बाद दोनों हाथों की हथोलियों को आपस में दबाएं। अपनी कोहनियों को ऊपर की उठाएं और अपनी अंगुलियों के सिरे को छत की ओर करें। अपने अंगूठों पर अपनी नजर को रोककर रखें। इस दौरान धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।

पर्श्वोत्तनासन:
इस आसन को करने के लिए आराम से फर्श पर खड़े हो जाएं। अपने पैरों को मिलाकर रखें और घुटनों को सीधा रखें। गहरी सांस ले और छोड़े। अब अपनी कमर को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुके। इस दौरान घुटनों को मोड़े नहीं और सीधा रखें। अपने हाथों को पैरों के बराबर में और सिर को घुटनों के सामने रखें। इस पोज में 30 सेकेंड के लिए रहें।

उष्ट्रासन:
इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर घुटने के बल बैठ जाएं। अब एड़ियों को पीछे की तरफ मोड़ लें। दोनों हाथों से दोनों एड़ी को पकड़ें और सिर को धीरे-धीरे पीछे की तरफ झुकाएं। जितनी देर संभव हो आप इस अवस्था में बनें रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।