कभी-कभी अधिक खाने, गलत आहार लेने, या गलत समय पर खाने की वजह से हमें पेट में दर्द की समस्या हो जाती है। इसके अलावा पानी का कम सेवन भी कब्ज या गैस जैसी समस्याओं का कारण बनता है जिससे पेट में दर्द हो सकता है। इस तरह की समस्याओं से बहुत से लोग प्रभावित होते हैं। ऐसा निरंतर होने से आपको पेट संबंधी विकार हो सकते हैं। इसलिए इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको कुछ योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। योग कई तरीकों से हमारे स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है और पेट के दर्द को कम करने में भी मदद करता है।
पवनमुक्तासन:
यह मुद्रा में गैस की समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करती है। कब्ज अक्सर गैस्ट्रिक और एसिडिटी की समस्याओं का कारण बनती है जो इस समस्या को और भी खराब कर सकती हैं। आप इसका अभ्यास जमीन पर लेटकर दोनों घुटनों को सीने से मिलाकर कर सकते हैं।
उत्तानासन:
उत्तानासन आपकी पेट की मसल्स को आराम दिलाकर पेट के दर्द में राहत देता है। इसका अभ्यास करने के लिए आपको कमर से मुड़कर दोनों हाथों की अंगुलियों से पैरों के अंगूठों को छूना है। यह तनाव से मुक्ति दिलाकर पाचन को बेहतर करता है।
सर्वांगासन:
यह योगासन एब्डोमेन ऑर्गेन्स में रक्त के संचार को तेज करता है और आपके पाचन तंत्र को सामान्य करने में मदद करता है। अगर आपने अभी योग का अभ्यास शुरु किया है तो आपको इसे नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।
उज्जयी प्राणायाम:
इस प्रणायाम को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाए। आंखों को बंद करें। अब नाक से तब तक गहरी सांस ले जब तक वायु फेफड़ों में भर न जाए। जितना देर हो सके सांस रोकने की कोशिश करें। नाक के दाएं छेद को उंगली से बंद करें और बाएं से सांस बाहर छोड़ें। शुरुआत में इस प्रणायाम को 5 से 10 बार करें और बाद में धीरे-धीरे इसे 20 तक करें। यह आपके पेट के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन देता है जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
विपरीत करनी:
दीवार के करीब बैठकर अपने पैरों को फर्श पर रखें। अपनी पीठ के बल लेटें और पैरों को दीवार से लगाकर सीधा करें। अब दीवारों के सहारे अपने पैरों को ऊपर उठाएं। अब धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। अपने शरीर को अपने हाथों से सपोर्ट करें। अपनी गर्दन, कंधे और चेहरे को स्थिर रखें। इस अवस्था में 5 मिनट तक गहरी सांस लें और सांस छोड़ें।


