world hepatitis day 2023: हेपेटाइटिस (Hepatitis) लिवर से जुड़ी बीमारी है जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। ये बीमारी वायरल इन्फेक्शन के कारण होती है। हेपाटाइटिस में पांच तरह के वायरस जैसे A,B,C,D और E होते हैं जिसमें A और E वायरस तेज संक्रमण का कारण बनते हैं। हेपेटाइटिस की बीमारी खराब डाइट और कमजोर इम्युनिटी की वजह से पनपती है। नशीले पदार्थों का ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है। बरसात के मौसम में ये बीमारियां जोर पकड़ लेती हैं। अगर समय रहते इस बीमारी का उपचार नहीं किया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है।
इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरूआत डॉ बारूक ब्लमबर्ग ने की थी। आइए जानते हैं कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास और महत्व क्या है। इस साल इस दिन को मनाने के लिए कौन सी खास थीम रखी गई है।
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का महत्व
हेपेटाइटिस एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके प्रति लोगों को जागरुक करना जरूरी है। लोगों को इस बीमारी के प्रति सचेत करने के लिए इस दिन का खास महत्व है। जागरूकता के अभाव में दुनिया भर में लोग हेपेटाइटिस की चपेट में आ जाते हैं। लिवर से जुड़ी इस बीमारी के कारण जान को खतरा रहता है। दुनिया भर में इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके।
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का इतिहास
नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ बारूक ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस B वायरस की खोज करने के बाद इस वायरस के इलाज के लिए डायगोनस्टिक टेस्ट और वैक्सीन का विकास किया था। डॉ ब्लमबर्ग की इस खोज के सम्मान में हर साल उनके जन्मदिवस पर 28 जुलाई को world hepatitis day मनाया जाता है। इस दिन को मानाने की शुरुआत साल 2008 से की गई थी।
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे 2023 की थीम ( Theme of World Hepatitis Day 2023)
WHO के मुताबिक वर्ष 2023 में वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे की थीम ‘वन लाइफ वन लिवर’है। हेपेटाइटिस डे पर इस थीम का मकसद है कि लिवर की बीमारियों से बचाव करने के लिए लिवर की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस साल दुनिया भर में वायरल हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता, बीमारी की पहचान और बीमारी के उपचार को बढ़ावा देने के लिए जरूरी मानकों का विस्तार करने पर जोर दिया जाएगा ताकि लिवर हेल्थ को बढ़ावा देकर वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।