World Blood Donor Day 2023: खून की एक बूंद किसी की जिंदगी बचा सकती है। खून के बिना बॉडी मांस और हड्डियों से बना सिर्फ एक कंकाल रह जाता है। देश और दुनिया में हजारों लोग खून की कमी के कारण अपनी जान गवां देते हैं। जरूरतमंद को समय पर अगर खून मिल जाए तो किसी की जान को बचाया जा सकता है। हर दिन हजारों लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और उनका सारा खून बह जाता है, ऐसे मरीजों को अगर समय पर इलाज नहीं मिले और बॉडी में खून की कमी पूरी नहीं हो तो उनकी जान भी जा सकती है।
लोगों में रक्तदान करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। ब्लड डोनेशन एक दर्द रहित क्रिया है जो किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचा सकती है। विश्व भर में इस दिन को मनाने का मकसद सभी को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।
विश्व रक्तदाता दिवस 2023 थीम: (World Blood Donor Day 2023 Theme)
विश्व रक्तदाता दिवस 2023 एक खास स्लोगन के साथ मनाया जा रहा है। खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो”(Give blood, give plasma, share life, share often) के नारे के तहत मनाया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इस वर्ष की थीम का जोर जीवन बचाने के लिए प्लाज्मा और रक्त देने के विचार का व्यापक प्रसार करना है। 2023 में विश्व रक्तदाता दिवस की थीम जीवन बचाने में लोगों के महत्व पर जोर देती है। विश्व रक्तदाता दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल एक नई थीम जारी करता है। दुनिया भर में संगठनों द्वारा होस्ट किए जाने वाले उत्सव और कार्यक्रम एक ही विषय पर केंद्रित होते हैं।
विश्व रक्तदाता दिवस 2023 महत्व:
दुनिया भर में जीवन बचाने के लिए रक्तदान महत्वपूर्ण है। कई बार सेहत में ऐसी जटिलताएं आ जाती है कि तुरंत खून की जरूरत होती है ऐसी स्थिति में रक्तदान एक सक्रिय भूमिका निभाता है। जीवन को बचाने, रोगी की सर्जरी में मदद, कैंसर के उपचार, क्रॉनिक बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरों के लिए रक्तदान आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट है कि दुनिया भर में लगभग 118.54 मिलियन रक्तदान एकत्र किया जाता हैं। इनमें से लगभग 40% उच्च आय वाले देशों में एकत्र किया जाता हैं, जहां दुनिया की 16% आबादी रहती है। 169 देशों में लगभग 13,300 रक्तदान केंद्र कुल 106 मिलियन दान एकत्र करने की रिपोर्ट करते हैं।
विश्व रक्तदाता दिवस इतिहास: (World Blood Donor Day History)
रक्त दाता दिवस पहली बार मई 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में शुरू किया गया था। विश्व रक्त दाता दिवस कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 14 जून को आयोजित एक वार्षिक आयोजन के रूप में विश्व रक्त दाता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। कार्ल लैंडस्टीनर को ब्लड ग्रुप ABO सिस्टम की खोज करके स्वास्थ्य विज्ञान में उनके अपार योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रिचर्ड लोअर, एक अंग्रेज चिकित्सक थे जो दुनिया के पहले आदमी थे जिन्होंने जानवरों के साथ रक्तदान के विज्ञान का प्रयोग किया और दो कुत्तों के बीच रक्त का सफलतापूर्वक संचार किया।